Fact Check: क्या आपके पास भी आया है कोरोना वायरस के XBB वेरिएंट वाला मैसेज; जानिए क्या है सच्चाई
वायरल मैसेज में XBB वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा घातक और खतरनाक बताया गया है, साथ ही कोविड से जुड़ी गाइडलाइंस का पालन करने की सलाह ..
Rozana Spokesman Fact Check (Team Mohali): देश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है. कुछ राज्यों में सामने आए कोरोना के नए मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी समीक्षा बैठक की है. इस बीच कोरोना के नए रूप को लेकर तरह-तरह के फर्जी दावे वायरल हो रहे हैं। व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर कोरोना के XBB वैरिएंट को लेकर एक लंबा मैसेज तेजी से शेयर किया जा रहा है।
वायरल मैसेज में XBB वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा घातक और खतरनाक बताया गया है, साथ ही कोविड से जुड़ी गाइडलाइंस का पालन करने की सलाह भी दी गई है. रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में इस दावे को झूठा पाया है.
क्या है दावा ?
इस मैसेज को ट्विटर यूजर “R Nambiar” ने शेयर किया है. मैसेज में लिखा है, “Singapore News!! सभी को मास्क पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि कोरोना वायरस का नया COVID-Omicron XBB वैरिएंट अलग, घातक और आसानी से पता लगाने योग्य नहीं है।''
XBB वेरिएंट के लक्षणों का जिक्र करते हुए मैसेज में ऐसा कहा गया है कि-
-इसमें खांसी और बुखार नहीं होता.
-इसमें जोड़ों, सिर, गर्दन और पीठ में बहुत कम दर्द होता है।
-यह वैरिएंट डेल्टा से 5 गुना अधिक घातक है और इसकी मृत्यु दर भी अधिक है।
-रोग की गंभीरता बहुत तेज़ी से बढ़ती है और कभी-कभी कोई स्पष्ट लक्षण भी नहीं दिखते।
इस पोस्ट को और भी कई यूजर्स शेयर कर रहे हैं. वायरल पोस्ट आप नीचे देख सकते हैं.
रोज़ाना स्पोक्समैन की पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड के साथ सोशल मीडिया पर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली है. हालांकि, इस बीच हमें पिछले साल की ऐसी ही कई खबरें मिलीं, जिनमें वायरल दावे को फर्जी बताया गया।
आपको बता दें कि यह मैसेज पिछले साल भी वायरल हुआ था, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ट्वीट कर इस मैसेज को फर्जी बताया था. हालाँकि, इस बार यह मैसेज सिंगापुर के नाम पर वायरल हो रहा है।
XBB सबवेरिएंट क्या है?
पड़ताल के दौरान हमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट से कई खबरें मिलीं। 27 अक्टूबर 2022 को विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में XBB और BQ.1 सबलीनिएज के बारे में बताया गया था.
इस स्टेटमेंट में XBB और BQ.1 को ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही सबलीनिएज बताया गया है. यानी ये उसी वंश से संबंधित है. इसके अलावा, ये भी बताया गया था कि XBB सबवैरिएंट ओमिक्रॉन वैरिएंट के BA.2.10.1 और BA.2.75 सबलीनिएज के रिकॉम्बिनेशन से बना है.
वायरल मैसेज पर स्वास्थ्य मंत्रालय का क्या कहना है?
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 22 दिसंबर, 2022 को एक ट्वीट में पोस्ट को 'झूठा' बताया। हमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का 22 दिसंबर 2022 का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें वायरल संदेश की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था और इसे फर्जी और भ्रामक बताया गया था।
नतीजा: रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल मैसेज को झूठा और भ्रामक पाया। यह मैसेज पिछले साल भी वायरल हुआ था.