क्या मणिपुर दरिंदगी का आरोपी RSS कार्यकर्ता है? जानिए तस्वीर की असली सच्चाई

Rozanaspokesman

फेक्ट चैक

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया है।

Fact Check Misleading claim viral regarding Manipur Incident

RSFC (Team Mohali)- 19 जुलाई 2023 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया जिसमें 2 महिलाओं को नग्न अवस्था में सैकड़ों लोगों के सामने सार्वजनिक रूप से घुमाया गया। ये वीडियो देश के मणिपुर से सामने आया है जहां मई 2023 से आग लगी हुई है। घटना का दो महीने पुराना वीडियो सामने आने के बाद संसद से लेकर सड़कों तक घटना की आलोचना की गई। अब इस बीच सोशल मीडिया पर हिंदूवादी संगठन आरएसएस की वर्दी पहने 2 लोगों की तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि घटना के मुख्य दोषी आरएसएस कार्यकर्ता हैं। तस्वीर में दो शख्स आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पोशाक में नजर आ रहे हैं।

फेसबुक यूजर 'Raman Paul' ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'सच्चाई सबके सामने है, देखिए दंगाइओ की ये तस्वीरें, कहां से आते हैं ये?'

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और उनके बेटे की तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल हो रही है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस दावे पर कीवर्ड सर्च किया। काफी सर्च करने के बाद हमें मणिपुर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में पुलिस ने वायरल दावे का खंडन किया है।

मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया, “23 जुलाई को, मणिपुर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता से सूचना मिली कि दो महिलाओं की परेड से जुड़ी एक घटना के संबंध में उनकी और उनके बेटे की एक तस्वीर साझा की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस अपराध में दोनों पिता-पुत्र सीधे तौर पर शामिल थे। इन तस्वीरों को कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया है। यह उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और कानून एवं व्यवस्था का गंभीर उल्लंघन करने के इरादे से प्रसारित किया गया है। इस मामले में आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।

पड़ताल के दौरान हमें कुछ ट्वीट मिले जिनमें सोशल मीडिया यूजर्स का कहना था कि वायरल तस्वीर मणिपुर बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष चिदानंद सिंह की है।

अब इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने चिदानंद सिंह का सोशल मीडिया अकाउंट सर्च किया। हमें उनके फेसबुक पेज पर 17 अक्टूबर 2022 को शेयर की गई यह तस्वीर मिली। फोटो के कैप्शन में उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर को इंफाल जिले में आयोजित आरएसएस पथ मार्च में वह अपने बेटे चौधरी सचिनंद और चचेरे भाई अशोक के साथ मौजूद थे।

आपको बता दें कि हमने सर्च में पाया कि चिदानंद ने वायरल दावे के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी और ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की थी।

बता दें कि मणिपुर पुलिस ने 4 मई को कांगपोकपी जिले में 2 महिलाओं के कपड़े उतारने के मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 मई की घटना के छठे आरोपी की गिरफ्तारी वीडियो वायरल होने के बाद पिछले गुरुवार को हुई।

नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को फर्जी पाया है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और उनके बेटे की तस्वीर गलत दावे के साथ वायरल हो रही है।