Fact Check: धार्मिक नफरत फैलाने की कोशिश, वायरल वीडियो में दिख रहा साधू मुस्लिम नहीं

Rozanaspokesman

फेक्ट चैक

वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स हिंदू समुदाय से है।

Fact Check misleading claim viral to spread communal hate

आरएसएफसी (टीम मोहाली) - सोशल मीडिया पर अक्सर धार्मिक एकता को तोड़ने की कोशिशें देखने को मिलती रहती हैं और इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल कर धार्मिक एकता को तोड़ा जा रहा है। इस वीडियो में साधु के वेश में एक व्यक्ति को हरिद्वार में मुस्लिम धर्म गुरुओं का महिमामंडन करते देखा जा सकता है। अब इस वीडियो को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि एक मुस्लिम शख्स हिंदू संत बनकर घूम रहा है। इस वीडियो को वायरल कर समुदाय विशेष को निशाना बनाया जा रहा है।

सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार Sagar Kumar ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, ''बचा लो मेरे उत्तराखंड को ????'' (आपको बता दें कि वीडियो में इस संत का नाम जावेद हुसैन लिखा हुआ दिख रहा है).

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स मुस्लिम नहीं है। वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स हिंदू समुदाय से है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा और कीवर्ड सर्च के जरिए मामले की जांच शुरू की।

उत्तराखंड पुलिस ने दावे का खंडन किया

वायरल वीडियो को लेकर हमें हरिद्वार पुलिस उत्तराखंड के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मामले पर स्पष्टीकरण मिला। स्पष्टीकरण साझा करते हुए लिखा गया, "झूठे षड्यंत्रों के बहकावे में आकर सामाजिक सौहार्द न बिगाड़ें। ऐसी पोस्टें शेयर करने वालों के खिलाफ हरिद्वार पुलिस कठोर कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

इस वीडियो ट्वीट में वायरल वीडियो में नजर आ रहा साधू पूरी जानकारी शेयर कर रहा है। वीडियो में दिख रहा साधू अपना नाम दिलीप बघेल बता रहा है और दावा कर रहा है कि उसे नशीला पदार्थ खिलाकर वायरल वीडियो बनाया गया है।

मतलब साफ था कि जांच के बाद सारी जानकारी पुलिस और वीडियो में दिख रहे साधू ने साझा कर स्पष्ट किया कि वह मुस्लिम समुदाय से नहीं है।

निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स मुस्लिम नहीं है। वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स हिंदू समुदाय से है। वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम जावेद हुसैन नहीं बल्कि दिलीप बघेल है।