राम मंदिर अयोध्या को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल यह दावा फर्जी है, फैक्ट चेक रिपोर्ट

Rozanaspokesman

फेक्ट चैक

वायरल हो रहा मामला पुराना है और आंध्र प्रदेश के एक मंदिर का है।

Fact Check fake claim viral in the name of ram mandir ayodhaya

RSFC (Team Mohali)-  सोशल मीडिया पर अयोध्या के राम मंदिर को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि एक भक्त ने राम मंदिर की दान पेटी में 100 करोड़ का चेक दिया और जब ट्रस्ट चेक कैश करवाने के लिए बैंक गए तो चेक जमा करने वाले भक्त के खाते में केवल 17 रुपये निकले।

फेसबुक यूजर सुखजिंदर सिंह फिरोजपुर ने वायरल दावे को शेयर करते हुए लिखा, ''राम मंदिर की दान पेटी में एक भक्त का 100 करोड़ का चेक मिला.. जब मंदिर प्रशासन चेक कैश कराने बैंक पहुंचा तो भक्त के खाते में सिर्फ 17 रुपये निकले.'' ।

 

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को झूठा पाया। वायरल हो रहा मामला पुराना है और आंध्र प्रदेश के एक मंदिर का है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले कीवर्ड सर्च के जरिए इस दावे से जुड़ी खबरें ढूंढनी शुरू कीं। आपको बता दें कि ये मामला अयोध्या के राम मंदिर का नहीं है।

हमने अपनी जांच में पाया कि यह मामला पुराना है और आंध्र प्रदेश के श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी वारी देवस्थानम मंदिर का है। इस मामले को लेकर हमें कई रिपोर्टें मिलीं। यह मामला अगस्त 2023 का है और आंध्र प्रदेश के सिम्हाचलम में स्थित श्री वराह लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी वारी देवस्थानम मंदिर का है, जहां एक भक्त ने मंदिर के दान बॉक्स में 100 करोड़ का चेक दिया था और जब मंदिर प्रशासन चेक कैश कराने के लिए बैंक गए तो चेक जमा करने वाले भगत के खाते में केवल 17 रुपये निकले।

इस मामले से जुड़ी हिंदुस्तान टाइम्स और एबीपी की खबरें यहां क्लिक कर पढ़ी जा सकती हैं।

आपको बता दें कि अगर ऐसा मामला अयोध्या में राम मंदिर को लेकर हुआ होता तो यह मामला अब तक सुर्खियों का रूप ले चुका होता, लेकिन इस दावे को लेकर कोई खबर नहीं है, जिससे यह साफ है कि मामला पुराना है और इसे फिर से अयोध्या के राम मंदिर से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

इस मामले को लेकर हमने श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र हेल्पडेस्क से संपर्क किया। हमसे बात करते हुए उन्होंने साफ किया कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है।

इस मामले को लेकर हमने श्री राम ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल से भी बात की। हमसे बात करते हुए उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया।

निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समेन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को झूठा पाया। वायरल हो रहा मामला पुराना है और आंध्र प्रदेश के एक मंदिर का है।