वाराणसी में दलित लड़की ने 6 मुस्लिम युवकों का सिर काटा? नहीं, ये वायरल कटिंग फर्जी है
रोज़ाना स्पोक्समैन ने दावे की जांच की और खबर को फर्जी पाया।
आरएसएफसी (टीम मोहाली) - सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दलित समुदाय की एक लड़की ने 6 मुस्लिम युवकों को धर्म परिवर्तन और बलात्कार की धमकी देने पर उनका सिर काट दिया है और वह भाग गई है। इस अखबार की कटिंग पर "यूपी तक" मीडिया संस्थान का लोगो लगा हुआ है।
ट्विटर अकाउंट मुकेश शर्मा नेशनलिस्ट ने वायरल कटिंग शेयर करते हुए लिखा, "बलात्कार और धर्मांतरण की धमकी देने पर 6 जिहादियों का गला काट दलित हिंदू युवती नें काली माता को अर्पित किए। बाबतपुर स्थित काली माता मंदिर से सभी कटे सिर बरामद। जय माँ काली"
वहीं, इस दावे को लेकर हरजिंदर सिंह नाम के एक फेसबुक यूजर ने लिखा, ''इस बहादुर बेटी को सलाम, जिसने फूलन देवी की विरासत को आगे बढ़ाया है।''
रोज़ाना स्पोक्समैन ने दावे की जांच की और खबर को फर्जी पाया। वाराणसी पुलिस ने हमसे बात करते हुए वायरल दावे का खंडन किया।
पढ़ें स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस कटिंग को ध्यान से पढ़ा। आपको बता दें कि इस कटिंग पर मीडिया संस्थान यूपी तक का लोगो है और इस कटिंग में हिंदी भाषा में कई गलतियां हैं। आपको बता दें कि अखबार की कटिंग में ऐसी गलतियां कम ही देखने को मिलती हैं।
अब इस कटिंग को लेकर हमने सीधे वरिष्ठ पत्रकार और यूपी तक के इंचार्ज अमीश रॉय से बात की। अमीश ने हमसे बात करते हुए वायरल कटिंग को फर्जी बताया।
अब हमने कीवर्ड सर्च के जरिए इस दावे से जुड़ी खबर ढूंढनी शुरू की। आपको बता दें कि हमें वायरल दावे की पुष्टि करने वाली कोई खबर तो नहीं मिली, लेकिन इस दावे का खंडन करने वाला उत्तर प्रदेश पुलिस का आधिकारिक ट्वीट जरूर मिला। ट्विटर अकाउंट डीसीपी गोमती जोन वीएनएस ने कटिंग का खंडन किया और लिखा, "आवश्यक सूचना...कतिपय ट्वीटर हैंडलों द्वारा एक फेक न्यूज को पोस्ट कर वायरल किया जा रहा है, जो पूर्णतया असत्य है। वाराणसी गोमती ज़ोन पुलिस इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खंडन करती है।"
ट्वीट की गई जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये दावा पूरी तरह से फर्जी है।
अब हम आगे बढ़े और वाराणसी के फूलपुर थाने से संपर्क किया। आपको बता दें कि बाबतपुर क्षेत्र इसी थाने के अंतर्गत आता है। हमसे बात करते हुए पुलिस अधीक्षक ने वायरल दावे का खंडन किया और इसे पूरी तरह से फर्जी बताया।
बता दें, हमारी जांच में हमने पाया कि इस कटिंग में इस्तेमाल की गई मंदिर और उसके सामने खड़ी पुलिस की तस्वीर फोटोशॉप की मदद से बनाई गई है। दोनों मूल चित्र नीचे देखे जा सकते हैं।
आपको बता दें कि कटिंग में इस्तेमाल की गई मंदिर की तस्वीर वाराणसी की नहीं है। यह तस्वीर इलाहाबाद के सालोरी मंदिर की है।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने दावे की जांच की और खबर को फर्जी पाया। वाराणसी पुलिस ने हमसे बात करते हुए वायरल दावे का खंडन किया। अब फर्जी कटिंग वायरल कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।