क्या सुखबीर बादल अकाल तख्त साहिब के फैसले ले रहे थे? पढ़िए इस वायरल ग्राफ़िक का असली सच
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया है।
आरएसएफसी (टीम मोहाली) - ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अकाल तख्त के जत्थेदार पद से इस्तीफा देने के बाद सुर्खियां बटोरीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बेबाक बोल पेश करते हुए सफाई दी कि वह दबाव में आकर घर चले गए हैं। अब सोशल मीडिया पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह का एक बयान मशहूर मीडिया संस्थान प्रो पंजाब के हवाले से प्रसारित किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बयान देकर कहा है कि उन्होंने सुखबीर बादल की वजह से इस्तीफा दिया है क्योंकि सुखबीर उन्हें मोहरा बनाकर अकाल तख्त के फैसले ले रहे थे।
फेसबुक पेज "ਹੇ ਕਰਤਾਰ! ਮੈਂ ਤੇਰੀਆਂ ਦਾਤਾਂ ਦੀ ਕਦਰ ਨਹੀਂ ਪਛਾਣੀ" ने प्रो पंजाब मीडिया एजेंसी का ग्राफिक शेयर करते हुए लिखा, ''मानसिक रूप से आजाद होने के बाद ही इंसान सच बोलता है।''
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। प्रो पंजाब की ओर से ऐसा कोई ग्राफिक नहीं चलाया गया है और वायरल दावे के मुताबिक हमें कोई खबर नहीं मिली है।
स्पोक्समैन की जांच
पड़ताल शुरू करते हुए हमने इस मामले को लेकर प्रो पंजाब के फेसबुक पेज पर विजिट किया। हमें पेज पर इस ग्राफ़िक का खंडन करने वाली एक पोस्ट मिली। प्रो पंजाब ने सफाई देते हुए लिखा, "प्रो पंजाब टीवी का लोगो लगाकर बनाए गए ये ग्राफिक्स फर्जी हैं। हम साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा रहे हैं।"
इसकी पुष्टि के लिए हमने वायरल ग्राफिक के बारे में प्रो पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार गगनदीप सिंह से बात की। गगनदीप ने इस ग्राफिक को देखा और कहा कि यह फर्जी है।
आगे बढ़ते हुए हमने ये खोजना शुरू किया कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने ऐसा कोई बयान दिया है या नहीं। आपको बता दें कि वायरल बयान की पुष्टि करने वाली कोई आधिकारिक खबर हमें नहीं मिली है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह के इस्तीफे के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर नजर डालें तो उसमें भी उनकी ओर से ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है।
नतीजा - रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। प्रो पंजाब की ओर से ऐसा कोई ग्राफिक नहीं चलाया गया है और वायरल दावे के मुताबिक हमें कोई खबर नहीं मिली है।