क्या कनाडा के राजदूत ने कनाडा लौटने से पहले स्वर्ण मंदिर में टेका मत्था?
यह वायरल वीडियो हाल का नहीं है और न ही यह दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब का है।
RSFC (Team Mohali)- कुछ दिनों पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में बयान दिया था और आरोप लगाया था कि खालिस्तानी सिख नेता हरदीप सिंह नि़ज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है। इस बयान के तुरंत बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक पवन कुमार रॉय को निष्कासित कर दिया, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडाई उच्चायोग को तलब किया और एक राजनयिक को निष्कासित कर दिया।
अब भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पत्रकार मैके को खालिस्तानी संगठनों पर कनाडा के रुख के बारे में एक सवाल का जवाब देते देखा जा सकता है। सवाल के जवाब में मैके ने कहा, ''कनाडा में वे सभी धर्मों के लोगों से प्यार करते हैं, कनाडा में सभी धर्मों का स्वागत है।”
अब इस वीडियो को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि भारत द्वारा निष्कासित कनाडा के राजदूत ने वापस लौटने से पहले श्री दरबार साहिब (स्वर्ण मंदिर, अमृतसर) में माथा टेका।
फेसबुक पेज "शहीद भाई दयाला जी" ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "कनाडाई राजदूत ने कनाडा लौटने से पहले श्री दरबार साहिब में माथा टेका।"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। यह वायरल वीडियो हाल का नहीं है और न ही यह दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब का है। ये वीडियो दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब का है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा और कीवर्ड सर्च के जरिए इस मामले से जुड़ी खबरों को खोजना शुरू किया। सर्च के दौरान हमें 2022 में प्रकाशित India Today के एक आर्टिकल में अपलोड किए गए वायरल वीडियो के कुछ अंश मिले।
रिपोर्ट के मुताबिक, कैमरून मैके दिल्ली में गुरुद्वारा बंगला साहिब के दर्शन के लिए पहुंचे थे, जहां उनसे खालिस्तानी संगठनों से निपटने के लिए कनाडा सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में पूछा गया।
आपको बता दें कि वायरल वीडियो को न्यूज एजेंसी ANI ने 27 अक्टूबर 2022 को अपने एक्स अकाउंट पर भी शेयर किया था।
मतलब साफ़ था कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है।
"Times Now की रिपोर्ट के अनुसार, "भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को तलब किया गया है और राजनयिक ओलिवियर सिल्वेस्टर को पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।"
निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। यह वायरल वीडियो हाल का नहीं है और न ही यह दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब का है। ये वीडियो दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बंगला साहिब का है।