मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले हो जाएं सावधान, पड़ सकता है भारी

Rozanaspokesman

गैजेट्स - ऑटो

हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से रक्त के थक्कों का खतरा बढ़ सकता है। मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से..

Those who use mobile phone excessively, be careful, it may be heavy

New Delhi : आज के आधुनिक युग में हर कोई मोबाइल फोन का उपयोग कर रहा है। और यह जरूरी भी है लेकिन कुछ लोग इसका इतना अधिक उपयोग करते हैं कि वे दिन का एक चौथाई से अधिक समय मोबाइल फोन पर ही व्यतीत कर देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इसके ज्यादा इस्तेमाल से लोग ब्लड प्रेशर के शिकार हो रहे हैं, और अगर आप दिल की बीमारी से बचना चाहते हैं तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम कर दें। 

हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से रक्त के थक्कों का खतरा बढ़ सकता है। मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे अंततः हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

शोध के परिणामों को देखते हुए शोधकर्ता ने बी. पी मरीजों को मोबाइल फोन से दूर रहने की सलाह दी है । उनका कहना है कि मरीजों को कम से कम इस दौरान मोबाइल फोन से दूर रहना चाहिए जब उनका रक्त प्रवाह बढ़ गया हो। सामान्य जीवन में अक्सर देखा जाता है कि कोई व्यक्ति किसी से फोन पर बात करते हुए बहुत तेज आवाज में बोलने लगता है तो कभी-कभी सामने वाले की बात सुनकर वह इतना परेशान हो जाता है कि वह अपना आपा भी खो बैठता है।
अक्सर लोग फोन पर बात करते वक्त इमोशनल हो जाते हैं या फिर ज्यादा गुस्से की वजह से लड़ाई-झगड़ा करने लगते हैं। यह वह समय होता है जब मोबाइल के कारण लोगों का ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ जाता है, जिसमें कई बार लोगों को डॉक्टर के पास भी जाना पड़ता है।

मोबाइल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है

आज के समय में मोबाइल फोन कितना महत्वपूर्ण हो गया है, इसका जीता-जागता प्रमाण है कि यह छोटे बच्चों, युवाओं, महिलाओं, पुरुषों और बुजुर्गों की दिनचर्या का अहम हिस्सा है। इसके बिना लोग अधूरा महसूस करते हैं। बच्चे स्कूल से आते ही मोबाइल पर चैटिंग और गेम खेलने लगते हैं, जो उनके लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।

मोबाइल तनाव बढ़ाता है

मोबाइल फोन सामान्य जीवन में तनाव बढ़ाता है। इससे बड़ी संख्या में लोग बीमारियों के शिकार होने लगे हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि अगर कुछ देर तक फोन की घंटी नहीं बजती या कोई धुन सुनाई नहीं देती तो हम जाने-अनजाने में फोन को खोलने लगते हैं। वॉट्सऐप और दूसरे सोशल मीडिया ऐप्स को खोलने पर हम बार-बार देखते हैं कि कोई मैसेज तो नहीं है। यह भी अपने आप में एक बीमारी के बराबर है।

मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल स्लो पॉइजन का काम करता है

मोबाइल फोन का अत्यधिक और दुरूपयोग एक प्रकार के धीमे-विषाक्तता के रूप में कार्य करता है। क्योंकि धीरे-धीरे आपको ब्लड प्रेशर और अन्य बीमारियां होने लगती हैं और इस तरह ध्यान न देने पर आपको हार्ट अटैक जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जो घातक साबित हो सकता है।

क्या कहते हैं चिकित्सा विशेषज्ञ?

डॉ. बलराज गुप्ता का कहना है कि मोबाइल फोन से होने वाली सबसे आम समस्याओं पर शोध जारी है, लेकिन अब तक जो सामने आया है, उससे एक बात तो साफ है कि मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से पुरुषों में ब्लड प्रेशर की शिकायत आम हो गई है. मोबाइल फोन पर बात करते समय उत्तेजना के कारण मानव शरीर में रक्त का प्रवाह तेजी से बढ़ जाता है, जिससे कभी भी हृदय रोग का खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसलिए हमें मोबाइल फोन का इस्तेमाल बहुत ही सोच समझ कर करना चाहिए , नहीं तो , इसके परिणाम बहुत ही बुरे साबित हो सकते हैं।

क्या कहना है टेलिकॉम एक्सपर्ट का?

टेलीकॉम विशेषज्ञ राजेश बाहरी कहते हैं कि जब हम मोबाइल फोन पर बात करते हैं तो फोन सबसे ज्यादा रेडियो तरंगें उत्सर्जित करता है, जिसका मानव शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस वजह से कई बार फोन सुनने या कॉल करने वाला सामने वाले की बात सुनकर उत्तेजित हो जाता है।

ऐसे में यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन पर जितना हो सके कम और कम से कम बात करनी चाहिए, ज्यादा लंबी नहीं।