Bluebird Block-2 launched: ISRO का अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट, कहीं से भी वीडियो कॉल संभव

Rozanaspokesman

गैजेट्स - ऑटो

श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3-M6 रॉकेट सुबह 8:55:30 बजे लॉन्च हुआ।

ISRO Successfully Launches US AST SpaceMobile’s BlueBird Block-2 Communication Satellite

Bluebird Block-2 launched:आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बुधवार सुबह LVM3-M6 रॉकेट के माध्यम से अमेरिकी सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को लॉन्च किया। 6,100 किलोग्राम वजन वाला यह ब्लूबर्ड अब तक भारत से लॉन्च किया गया सबसे भारी सैटेलाइट है। ISRO चेयरमैन वी. नारायणन ने इसे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। इससे पहले, नवंबर में लॉन्च किए गए LVM3-M5 कम्युनिकेशन सैटेलाइट-03 का वजन लगभग 4,400 किलोग्राम था और इसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में स्थापित किया गया था।

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को LVM3-M6 रॉकेट से लॉन्च किया गया, जिसका वजन 640 टन है और यह भारत का सबसे भारी लॉन्च व्हीकल है। ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 एक नेक्स्ट-जेन कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जिसका उद्देश्य सामान्य स्मार्टफोन तक सीधे हाई-स्पीड सेल्युलर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

इसके माध्यम से दुनिया के किसी भी स्थान पर बिना टावर के 4G और 5G वॉयस कॉल, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और डेटा सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और अमेरिका स्थित AST स्पेसमोबाइल (AST एंड साइंस, LLC) के बीच हुए एक कॉमर्शियल समझौते का हिस्सा है। न्यूस्पेस इंडिया, ISRO की कॉमर्शियल शाखा है।
लॉन्च के 15 मिनट बाद, सैटेलाइट रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया।

ISRO के अनुसार, करीब 43.5 मीटर ऊंचा LVM3-M6 रॉकेट बुधवार सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च होने वाला था। हालांकि, इसे 90 सेकेंड की देरी से सुबह 8:55:30 पर रवाना किया गया। लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद, ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट रॉकेट से अलग हुआ और लगभग 520 किलोमीटर ऊंचाई पर लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया।

ISRO ने बताया कि श्रीहरिकोटा के स्पेस एरिया के ऊपर हजारों एक्टिव सैटेलाइट लगातार गुजर रहे थे। अन्य सैटेलाइट के साथ टकराव की संभावना को ध्यान में रखते हुए मिशन का लॉन्च समय 90 सेकेंड आगे बढ़ाया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसरो को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में लिखा- यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक गौरवपूर्ण मील का पत्थर है। यह भारत की भारी-भरकम लॉन्च क्षमता को मजबूत करता है और ग्लोबल कॉमर्शियल लॉन्च मार्केट में हमारी बढ़ती भूमिका को मजबूत करता है।

LVM3-M6, जिसे GSLV Mk-III भी कहा जाता है, ISRO का तीन-चरणीय रॉकेट है। इसमें क्रायोजेनिक इंजन लगा है, जिसे ISRO के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर ने विकसित किया है। लिफ्ट-ऑफ के लिए रॉकेट में दो S200 सॉलिड रॉकेट बूस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ने तैयार किया है।

यह LVM3 की नौवीं उड़ान और ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट के लिए तीसरा कॉमर्शियल मिशन है। ISRO के अनुसार, LVM3 अब तक आठ लगातार सफल लॉन्च कर चुका है, जिनमें चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 जैसे प्रमुख मिशन शामिल हैं।

इसी रॉकेट ने 2023 में चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचाकर इतिहास रचा था। भारी भरकम होने के कारण इसे पब्लिक और मीडिया ने लोकप्रिय फिल्म ‘बाहुबली’ से प्रेरित होकर ‘बाहुबली रॉकेट’ का नाम दिया।

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