हिंडनबर्ग रिपोर्ट के पांच महीने: अडाणी ने कॉरपोरेट शासन, प्रकटीकरण मानकों पर जताया भरोसा

Rozanaspokesman

गैजेट्स - ऑटो

वार्षिक रिपोर्ट में अडानी ने कहा कि अमेरिकी शॉर्टसेलर ने ''हमारे गणतंत्र दिवस के अवसर पर'' रिपोर्ट प्रकाशित की।

Adani

New Delhi: अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग की एक धमाकेदार रिपोर्ट के चलते अरबों डॉलर गंवाने के पांच महीने बाद अडाणी समूह ने एक बार फिर अपने कॉरपोरेट शासन और प्रकटीकरण मानकों पर भरोसा जताया है। समूह की प्रमुख फर्म अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की वार्षिक रिपोर्ट में समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति को कोई नियामक विफलता नहीं मिली।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को अडाणी पर शेयरों की कीमतों में हेराफेरी करने और खातों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। साथ ही शॉर्टसेलर ने फर्जी कंपनियों के जरिए धन के गुप्त लेनदेन का आरोप भी लगाया। अडाणी समूह ने इन आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया है और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को ''भारत पर एक सोचा-समझा हमला'' बताया।

वार्षिक रिपोर्ट में अडानी ने कहा कि अमेरिकी शॉर्टसेलर ने ''हमारे गणतंत्र दिवस के अवसर पर'' रिपोर्ट प्रकाशित की।

उन्होंने कहा कि इन आरोपों का मकसद समूह की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाकर और शेयर की कीमतों को जानबूझकर गिराकर मुनाफा कमाना था। उन्होंने कहा कि न्यायालय की समिति में ऐसे व्यक्ति शामिल थे, जो अपनी स्वतंत्रता और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं। समिति को नियामक विफलता या किसी उल्लंघन का कोई उदाहरण नहीं मिला।

उन्होंने आगे कहा, ''हालांकि, सेबी को आने वाले महीनों में अपनी रिपोर्ट (अडाणी समूह के खिलाफ एक अलग आरोप पर) जमा करनी है। हम अपने शासन और प्रकटीकरण मानकों के प्रति आश्वस्त हैं।'' अडाणी समूह ने सोमवार देर शाम एक बयान में कहा कि उन्हें हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अमेरिकी अधिकारियों द्वारा अमेरिकी निवेशकों को किसी समन की जानकारी नहीं है।