वनडे का प्रदर्शन खराब है, इसे स्वीकार करने में कोई शर्म की बात नहीं: सूर्यकुमार
सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘हमने काफी टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं इसलिये यह एक आदत बन चुकी है।
प्रोविडेंस (गुयाना): वनडे विश्व कप करीब ही है जिसे देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन ने विस्फोटक बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को खेल के इस प्रारूप के अंतिम ओवरों में कम से कम 45-50 गेंद खेलने के लिए कहा है, हालांकि इसमें उनका रिकॉर्ड सामान्य है और उन्हें ‘इसे स्वीकार करने में कोई शर्म की बात भी नहीं’ लगती है।
वेस्टइंडीज पर तीसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 44 गेंद में 83 रन की आक्रामक पारी की बदौलत भारत को सात विकेट से जीत दिलाने के बाद इस बल्लेबाज ने 50 ओवर के खेल में अपने खराब रिकॉर्ड को स्वीकार किया। इस जीत से भारतीय टीम पांच मैच की श्रृंखला में बनी हुई है।
सूर्यकुमार ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘वनडे में मेरे आंकड़े बहुत खराब हैं और इसे स्वीकार करने में कोई शर्म भी नहीं है। ईमानदार होना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि आपका रिकॉर्ड हर कोई जानता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये अपने प्रदर्शन के बारे में ईमानदार होना महत्वपूर्ण है। लेकिन सबसे अहम है कि आप इसे कैसे सुधारते हो। ’’ कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने उन्हें इस प्रारूप में ज्यादा खेलने की सलाह दी है। सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘रोहित और राहुल सर ने मुझे कहा कि इस प्रारूप में मैं ज्यादा नहीं खेलता हूं तो आपको इसमें ज्यादा खेलना चाहिए और इसके बारे में सोचना चाहिए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप अंतिम 10-15 ओवर में बल्लेबाजी कर रहे हो तो सोचो कि आप टीम के लिए क्या कर सकते हो। हम तुमसे सिर्फ यही चाहते हैं कि 45-50 गेंद खेलो, अगर आपको 15-18 ओवर तक बल्लेबाजी करने को मिल रहा है तो अपना नैसर्गिक खेल खेलो। अब यह मेरे हाथ में है कि इस जिम्मेदारी को मौके में कैसे तब्दील करूं। ‘‘
वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे श्रृंखला में वह अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर करा सके, उन्होंने तीन मैचों में 19, 24 और 35 रन की पारियां खेलीं। अभी तक सूर्यकुमार ने 26 वनडे खेले हैं और 24.33 के औसत से 511 रन बनाये हैं जो उनके टी20 अंतरराष्ट्रीय के 45.6 औसत से काफी दूर है। उन्होंने 2023 में 10 वनडे खेले थे और महज 14 रन के औसत से रन जुटाये थे।
सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘हमने काफी टी20 अंतरराष्ट्रीय खेले हैं इसलिए यह एक आदत बन चुकी है। हम टी20 नियमित रूप से खेलते हैं और हमें बस इस चीज की जरूरत है कि हम मैदान पर खुद को अभिव्यक्त कर पायें। लेकिन हम ज्यादा वनडे नहीं खेले और वनडे सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण प्रारूप है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिये है क्योंकि आपको परिस्थितियों के अनुसार बल्लेबाजी करनी होती है। उदाहरण के तौर पर अगर विकेट जल्दी गिर जाते हैं तो आपको क्रीज पर ज्यादा समय बिताना चाहिए (टेस्ट क्रिकेट की तरह खेलना चाहिए), फिर एक गेंद में एक रन बनाओ और अंतिम छोर की तरह टी20 मुकाबले की तरह खेलो। ’’
सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘अब टीम प्रबंधन ने मुझे इस प्रारूप के बारे में जो कुछ कहा है, मैं उसे सिर्फ वनडे में लागू करने की कोशिश कर रहा हूं। कुछ समय लो, टीम की जरूरत के हिसाब से खेलो और फिर अंत में अपना नैसर्गिक खेल दिखाओ। मैं बस टीम प्रबंधन की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। ’’