कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हैं परेशान, तो अपनाएं ये जरुरी आदतें 

Rozanaspokesman

लाइफस्टाइल

जानिए करीब से क्या है कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर और कैसे इसे बनाये रखा जा सकता है। 

If you are troubled by increasing cholesterol, then adopt these important habits

Cholesterol And Health: जब भी दिल की सेहत की बात होती है कोलेस्ट्रॉल का नाम हमेशा आता है। कभी इसे लेकर खान पान को सुधारने की बात कही जाती है तो कुछ लोगों को इसके स्तर को संतुलित बनाये रखने के लिए बकायदा नियमित दवाइयां भी दी जाती हैं।

आखिर क्यों कोलेस्ट्रॉल का स्तर इतना महत्वपूर्ण है? क्या कोलेस्ट्रॉल का होना केवल बुरा ही होता है? आखिर दिल की सेहत को कोलेस्ट्रॉल कैसे नुकसान पहुंचाता है? और क्या इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है? जानिए करीब से क्या है कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर और कैसे इसे बनाये रखा जा सकता है। 

अच्छा हैं या बुरा 
कोलेस्ट्रॉल का होना शरीर के लिए अच्छा भी होता है और जरूरी भी। इसलिए कोलेस्ट्रॉल को दो प्रकारों- अच्छा कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल और बुरा कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल में बांटा जाता है। इनमें से अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर 60 या इससे ऊपर व बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर 100 से नीचे होने चाहिए।

शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 के भीतर होनी चाहिए। यह स्तर शारीरिक संरचना, स्थिति और महिला-पुरुष होने आदि पर भी निर्भर कर सकता है। लेकिन औसतन 200 के अंदर का स्तर जिसमें कि अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सही हो, अच्छा माना जाता है। 

वसा का एक प्रकार 
कोलेस्ट्रॉल असल में एक प्रकार का लिपिड या वसा (फैट) है। याद कीजिये डॉक्टरों द्वारा लिपिड टेस्ट करवाने के लिए दी जाने वाली सलाह। यही टेस्ट कोलेस्ट्रॉल के स्तर को जांचने के काम आता है। कोलेस्ट्रॉल का संतुलित मात्रा में शरीर में होना भी जरूरी है। शरीर इसकी मदद कई कामों में लेता है।

इसलिए खून के साथ इसका होना सामान्य बात है। जब इसकी मात्रा खून में बढ़ने लगती है तब मुश्किल खड़ी होती है। तब यह धमनियों की दीवारों पर इकट्ठा होने लगता है या कहिये जमने लगता है, क्षति पहुंचाने लगता है और एथरोस्क्लेरोटिक प्लाक (वसा का कड़क रूप) में बदलने लग जाता है। प्लाक के बनने की यह स्थिति एथरोस्केलेरोसिस कहलाती है।

हो सकती हैं ये परेशानियां 
प्लाक के जमने की यह स्थिति कई गंभीर समस्याओं को जन्म देती है। इसमें शामिल हैं
1. कोरोनरी आर्टरी डिसीज 
2. पेरिफेरल आर्टरी डिसीज 
3. कैरोटिड आर्टरी डिसीज

 खून के साथ कोलेस्ट्रॉल के बहने और प्लाक के बनने की स्थिति इतनी धीमी होती है कि इसका पता बिना जांच के नहीं चल सकता। अधिकांशतः लम्बे समय तक कोई गंभीर लक्षण भी नहीं उभरते और फिर सीधे हार्ट अटैक या स्ट्रोक के रूप में मुसीबत सामने आ जाती है। यही कारण है कि डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को लेकर खासतौर पर सजग रहने को कहते हैं। 

ये उपाय अपनाएं 
सबसे पहली चीज है नियमित रूटीन। नियमित रूटीन यानी हर चीज में नियमितता। सोने-जागने, व्यायाम और खान-पान हर चीज में। चाहे आपकी उम्र 20 साल हो या 40 भोजन में दिन में कम से कम एक बार खीरा, सेब, पपीता, दही, छाछ, गाजर, आदि को शामिल अवश्य करें वजन को हमेशा संतुलित रखें, खासकर पेट पर चढ़ने वाली चर्बी से बचें. 

धूम्रपान की लत को तुरंत छोड़ने का प्रयास करें प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाद्यों से दूरी बना लें और कचौरी-समोसे, पकौड़े जैसी चीजों को भी बहुत कम खाएं। आप महीने में एक बार एक कचौरी या समोसा खा सकते हैं
यदि आप नाइट शिफ्ट में काम करते हैं तो अपने डिनर का समय शाम 6 के बाद न रखें। इसके बाद 8 बजे तक आप दूध, फल आदि खा सकते हैं। अनाज खाने से बचें