डार्क चाकलेट में हैं जानलेवा पदार्थ, बच्चे हो रहें हैं बिमारियों का शिकार

Rozanaspokesman

लाइफस्टाइल

अमेरिका में 28 अलग-अलग डार्क चॉकलेट में लेड और कैडमियम जैसी हैवी मेटल की अधिकता पाई गई है।

Dark chocolate contains deadly substances: Children are becoming victims of diseases

Dark Chocolate: अमेरिका में 28 अलग-अलग डार्क चॉकलेट में लेड और कैडमियम जैसी हैवी मेटल की अधिकता पाई गई है। यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों को बीमार बनाता है, लेकिन बच्चों पर असर ज्यादा होता है।

लेड की मात्रा बढ़ने से दिमाग छोटा रह जाता है:
शरीर में लेड की मात्रा बढ़ने से बच्चों का न्यूरोलॉजिकल विकास नहीं हो पाता। इससे दिमाग छोटा रह जाता है। बच्चा मानसिक तौर पर हमेशा के लिए बीमार हो सकते हैं। कई बार मानसिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ने की आशंका होती है। डॉर्क चॉकलेट में लेड और कैडमियम जैसे भारी तत्वों की अधिकता से हाई बीपी की समस्या हो जाती है। छोटे बच्चे भी बीपी के मरीज बन सकते हैं।

डॉर्क चॉकलेट में कैडमियम से किडनी फेल की आशंका:
डॉक्टर का कहना है कि डॉर्क चॉकलेट में कैडमियम से किडनी फेल तक हो सकता है। बता दें कि कैलिफोर्नियां में लेड के लिए अधिकतम स्वीकार्य खुराक 0.5 माइक्रोग्राम और कैडमियम के लिए 4.1 माइक्रोग्राम है। कई ब्रांड्स डार्क चॉकलेट बनाते हैं और इनमें से कई ब्रांड में लेड और कैडमियम की मात्रा ज्यादा थी। 23 चॉकलेट बार में हैवी मेटल्स की इतनी ज्यादा मात्रा पाई गई कि यह स्वास्थ्य को खराब करने के लिए पर्याप्त थी।

अगर कोई दिन में पांच चॉकलेट बार खाता है तो लेड और कैडमियम के संभावित खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। कंज्यूमर रिपोर्ट्स के अनुसार, कैडमियम और लेड अलग-अलग तरीकों से चॉकलेट में मिलते हैं। कैडमियम उस मिट्टी में मौजूद होता है जहां कोको बीन्स उगते हैं, जबकि वहीं सीसा धूल में होता है जो बीन्स की ऊपरी परत पर जमा हो जाता है।

निर्माता कंपनी अपने प्रोडक्ट की रेगुलर टेस्टिंग करें:
बफेलो यूनिवर्सिटी में पब्लिक हेल्थ के प्रो. कतरजीना कोरदास कहते हैं कि निर्माता कंपनी अपने प्रोडक्ट की खुद रेगुलर टेस्टिंग करें। बेहतर लेबलिंग कर इसमें हर पदार्थ की मात्रा लिखी जाए। ऐसी हैवी मेटल्स की मात्रा कम की जा सकती है।