फैटी लिवर से है परेशान, तो यहां जाने आपके लिए क्या खाना सही और क्या गलत ?
फैटी लिवर होने पर आप क्या खाते हैं या नहीं खाते , यह काफी मायने रखता है। अगर फैटी लिवर होने पर आप सही खान-पान और उचित जीवनशैली रखते हैं तो ....
New Delhi : फैटी लिवर, लिवर से जुड़ी एक सीरियस प्रॉब्लम है,और लिवर हमारे शरीर का सब से महत्वपूर्ण अंग होता है. फैटी लिवर की परेशानी की सबसे बड़ी वजह खानपान में गड़बड़ी और शराब का ज्यादा सेवन करना हो सकता है। वैसे फैटी लिवर की समस्या शराब पीने और न पीने वालों दोनों को ही सकती है। जहां शराब पीने वालों को अल्कोहोलिक फैटी लिवर की प्रॉब्लम होती है। फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में बहुत ज़्यादा फैट यानी चर्बी जमा हो जाती है। वर्तमान में फैटी लिवर जैसी स्मस्या काफी आम हो चुका है।
फैटी लिवर होने पर आप क्या खाते हैं या नहीं खाते , यह काफी मायने रखता है। अगर फैटी लिवर होने पर आप सही खान-पान और उचित जीवनशैली रखते हैं तो फैटी लिवर से जल्दी ठीक हो सकते हैं।
तो आइए आपको बताते हैं कि फैटी लिवर डाइट क्या होता है ? और फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए ?
वर्तमान में, फैटी लिवर के इलाज के लिए कोई दवा नहीं है। प्रारंभिक फैटी लिवर आमतौर पर आहार परिवर्तन, वजन घटाने, व्यायाम और मधुमेह जैसे खतरे के कारकों के नियंत्रण से आसानी से उलट जाता है। जैसे-जैसे लिवर की क्षति अधिक गंभीर होती जाती है, सिरोसिस और लिवर की विफलता विकसित हो सकती है और इस स्तर पर केवल लिवर प्रत्यारोपण से रोगी के जीवन को बचाया जा सकता है। कुछ रोगी जो मोटे हैं और जिन्हे फैटी लिवर भी है, वे वजन घटाने की (बेरिएट्रिक) सर्जरी से लाभान्वित हो सकते हैं।
फैटी लिवर में इन नट्स का सेवन करना चाहिए.
अखरोट: नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में अखरोट मददगार साबित हो सकता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट, पॉलीफेनॉल, विटामिन-ई और सेलेनियम मौजूद होते हैं।
बादाम: आमतौर पर मेवे और विशेष रूप से बादाम में विटामिन ई और अनसेचुरेटेड फैट से भरपूर होते हैं। यह शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं।
मूंगफली: मूंगफली पर्याप्त मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट प्रदान करती है। इसे संतुलित मात्रा में लेने से फैटी लिवर से ठीक होने में मदद मिल सकती है।
लिवर से जुड़े रोग और समस्याओं से बचने के लिए ताज़े फ़लों का सेवन किया जा सकता है। फैटी लिवर डाइट में आप ताजे फल और हरी सब्ज़ियां भी अपने डाइट में शामिल कर सकते है। फैटी लिवर के मरीज को फलों का सेवन करना चाहिए.
केला: सिरोसिस और फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में केला बड़ी भूमिका निभा सकता है। केले में अनसेचुरेड फैट, पेक्टिन, ओमेगा-३, मोनोअनसैचुरेटेड फैट, पोटेशियम और सोडियम मौजूद होता है। ये सभी ज़रूरी चीजें फैटी लिवर की समस्या को दूर करने और लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
अंगूर: अंगूर में पर्याप्त मात्रा में पानी और रफ़ेज मौजूद होता है जो लिवर के स्वास्थ्य के लिए काफी जरुरी होता हैं। साथ ही अंगूर एंटी- ऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरे होते हैं जो लिवर से विषैले पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं।
पपीता: पपीता में पर्याप्त मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जिससे लिवर में सूजन कम होता है। इसके अलावा पपीता में पर्याप्त मात्रा में एंटी- ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो लिवर को स्वस्थ रखते हैं।
सेब: सेब में पेक्टिन तत्व मौजूद होता है जो आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकाल कर लिवर को साफ़ रखता है और लिवर के सूजन को कम कर करने में मदद मिलती है।
तरबूज: तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होने के कारण यह फैटी लिवर में लिवर की सूजन को कम करने में मददगार साबित होता है।
फैटी लिवर डाइट प्लान में निम्नलिखित सब्जियों का सेवन जरूर करना चाहिए
ब्रोकली: यह ऐसी सब्जी है जो लिवर के फैट को तेज़ी से नियंत्रण में ला सकती है। ब्रोकली लिवर में ट्राइग्लिसराइड की मात्रा को कम करने में मदद कर सकती है।
करेला: करेला का सेवन ना सिर्फ आपका मधुमेह नियंत्रित करता है बल्कि लिवर को भी स्वस्थ रखता है। फैटी लिवर के मरीजों को करेला का सेवन करना चाहिए।
टमाटर: टमाटर में मौजूद लाइकोपीन एक मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-कैंसर एजेंट है जो ना सिर्फ फैटी लिवर और लिवर सूजन से बचाता है बल्कि इससे उबरने में मदद भी करता है।
पालक: हरी पत्तेदार सब्जियों में से एक पालक भी है जिसमे पर्याप्त मात्रा में एंटी- ऑक्सीडेंट, आयरन, विटामिन, न्यूट्रीएंट्स और मिनिरल होते हैं। पालक का जूस, साग आदि फैटी लिवर के लिए काफी असरदार होता है।
मेथी का साग: मेथी के पत्तों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे कि विटामिन ए, सी, कैल्शियम, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन आदि। इससे फैटी लिवर में काफी सुधार होता है।
बीन्स और सोया: नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी के जोखिम को कम करने के लिए बीन्स और सोया खाएं। सोया और बीन्स में अच्छे वसा की मात्रा अधिक है जो चर्बी घटाने के लिए मदद करता है।
लहसुन: लहसुन का सेवन करने से न सिर्फ लिवर में जमी चर्बी को कम किया जा सकता है बल्कि शरीर के वजन को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए इसे जानने के बाद इस बात की जानकारी भी जरूरी है कि इस समस्या में किन चीजों का परहेज करना जरूरी होता है।
इन चीजों से करें परहेज
अल्कोहल
एडेड शुगर
फ्राइड फूड
व्हाइट ब्रेड
सफेद चावल
पास्ता
नमक
रेड मीट