Patna news: महागठबंधन की 'वोटर अधिकार यात्रा' असल में 'एसआईआर सेबोटाज यात्रा', एक फ्लॉप शो हुई साबित : ऋतुराज सिन्हा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

सिन्हा ने तथ्यों के आधार पर महागठबंधन के दोहरे मापदंडों को उजागर किया।

Mahagathbandhan 'Voter Rights Yatra' was actually 'SIR Sabotage Yatra' Rituraj Sinha news in hindi

Patna News In Hindi : पटना, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने आज बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए महागठबंधन की 16 दिवसीय 'वोटर अधिकार यात्रा' पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह यात्रा पूरी तरह विफल रही और इसका असली मकसद 'वोटर अधिकार' नहीं, बल्कि इलेक्टोरल रोल के शुद्धिकरण (SIR) की प्रक्रिया में बाधा डालना था।

सिन्हा ने तथ्यों के आधार पर महागठबंधन के दोहरे मापदंडों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने शुरू से ही इलेक्टोरल रोल से मृत, डुप्लीकेट और गैर-निवासी मतदाताओं के नाम हटाने का विरोध किया। जब चुनाव आयोग ने 1 अगस्त को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी कर लोगों से आपत्तियां दर्ज कराने की अपील की, तो महागठबंधन ने 15 दिनों तक इसका विरोध किया और फिर 16 अगस्त से अपनी तथाकथित 'वोटर अधिकार यात्रा' शुरू कर दी।

 सिन्हा ने इस यात्रा के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह यात्रा 31 अगस्त की शाम को खत्म हुई, ठीक उसी समय जब फॉर्म-7 (आपत्ति दर्ज करने वाला फॉर्म) जमा करने की समय सीमा समाप्त हो रही थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह यात्रा वोटरों को अधिकार दिलाने के लिए नहीं, बल्कि एसआईआर प्रक्रिया को बाधित करने के लिए थी।" इसलिए इसे एसआईआर सेबोटाज यात्रा कहना ज्यादा उचित रहेगा |

 सिन्हा ने चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए महागठबंधन के दावों की पोल खोलते हुए बताया कि कांग्रेस के 17,000 से अधिक बूथ लेवल एजेंट (BLA) ने एक भी गलत वोटरों के खिलाफ आपत्ति दर्ज नहीं कराई, इतना ही नहीं आरजेडी के 47,000 से अधिक BLA ने शून्य आपत्ति दर्ज कराई। सिन्हा ने कहा, "67,000 से अधिक बूथ लेवल एजेंट्स होने के बावजूद, महागठबंधन ने एक भी गलत वोटर कार्ड की आपत्ति दर्ज नहीं की। एक तरफ ये लोग 'धांधली' का शोर मचाते हैं और दूसरी तरफ सुधार प्रक्रिया में कोई योगदान नहीं देते। उन्होंने सिर्फ बिहार की जनता को झूठा भय दिखाया कि उनके वोटर कार्ड, पेंशन और राशन कार्ड छीन लिए जाएंगे।"

 

ऋतुराज सिन्हा ने महागठबंधन की 16 दिवसीय 'इलेक्शन टूरिज्म' यात्रा की उपलब्धियों पर तंज करते हुए कहा कि इस दौरान जनता को सिर्फ ढोंग और अपमान देखने को मिला। उन्होंने बताया कि 18 अगस्त को भागीरथ मांझी को उन्हीं के घर की चाबी देकर अपमानित किया गया, 19 अगस्त को रंजू देवी के नाम पर गलत जानकारी फैलाई गई, और 21 अगस्त को रोड शो में एक सुरक्षाकर्मी शंभू जी का पैर कुचल दिया गया, जिसे बाद में देखने तक नहीं गए। इसके बाद 23 अगस्त को राहुल गांधी ने जूते-मोजे पहनकर मखाना की खेती का मजाक उड़ाया, 24 अगस्त को एक युवा को गले लगाने पर उनके सुरक्षाकर्मी ने थप्पड़ मारा, और 26 अगस्त को बिहार के डीएनए को गाली देने वाले रेवंत रेड्डी का सम्मान किया गया। 27 अगस्त को उन्होंने अपनी गाड़ी में अंबेडकर जी की तस्वीर लेने से इनकार किया और उसी दिन एम.के. स्टालिन के बेटे को बिहार में लाकर सनातन धर्म का अपमान किया गया। अंत में, 28 अगस्त को कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री की दिवंगत माताजी के खिलाफ अभद्र गाली दी गई।  सिन्हा ने कहा, "इन 16 दिनों में महागठबंधन ने सिर्फ एक बात देखी: मोदी जी और नीतीश जी के बनाए शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर और सड़कों पर उनका रोड शो सरपट दौड़ा। बिहार ने यह भी देखा कि तेजस्वी यादव कैसे राहुल गांधी के पीछे एक पिछलग्गू बनकर घूमते रहे।यह राहुल तेजस्वी की 'वोटर अधिकार यात्रा' नहीं, महागठबंधन की एसआईआर सेबोटाज यात्रा थी, जो एक फ्लॉप शो साबित हुई ।"

 सिन्हा ने अंत में कहा कि वोटर अधिकार यात्रा पूरी तरह विफल रही और इसने यह साबित कर दिया है कि महागठबंधन पारदर्शी चुनाव नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने यह सब देखा है और इसका जवाब आने वाले चुनाव में देकर रहेगी।

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