बिहार कभी आलू और बालू से आगे निकला ही नहीं, तीसरा नाम मैं लेना नहीं चाहता: प्रशांत किशोर
ऐसे लोगों को हम जमीनी नेता मान लेते हैं, ऐसे लोगों को नेता बनाएगा तो जिस हालत में रह रहे हैं उसी में रहना पड़ेगा।
पूर्वी चंपारण : बिहार के नेताओं पर राजनीतिक हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "यहां पर लोगों ने एक परिपाटी बना दी है कि कुर्ता पर गंजी पहन लेगा उसी को जमीनी नेता मानते हैं। अगर बिहार का नेता है तो उसको बोलने, बैठने, कपड़ा पहनने का ढंग नहीं होना चाहिए, उसको देश दुनिया की जानकारी नहीं होनी चाहिए। ऐसे लोगों को हम जमीनी नेता मान लेते हैं, ऐसे लोगों को नेता बनाएगा तो जिस हालत में रह रहे हैं उसी में रहना पड़ेगा। मैं आपको ये बताना चाहता हूं कैसे गरीबी दूर कर सकते हैं, आप में वो क्षमता है, बजाए इसके कि मैं आ कर कहूं कि मैं गरीबी दूर कर दूंगा।"
किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "अगर बिहार का एक तिहाई किसान सब्जी उगाने लगे तो बिहार पूरे देश को सब्जी आपूर्ति कर सकता है। कोल्डस्टोरेज को हम केवल आलू रखने का घर समझते हैं, कोल्डस्टोरेज में हम सब्जी, फल सब रख सकते हैं, क्योंकि हमने आलू से आगे कभी देख ही नहीं। आलू और बालू से आगे बिहार निकला ही नहीं, तीसरा नाम मैं लेना नहीं चाहता हूं।"