अपने जीवनकाल में मैे बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल देखना चाहता हुं: प्रशांत किशोर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

बिहार की सबसे बड़ी समस्या के सवाल पर, 58 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी और पलायन को सबसे बड़ी समस्या बताया।

In my lifetime, I want to see Bihar included in the leading states of the country: Prashant Kishor

गोपालगंज (संवाददाता): जन सुराज पदयात्रा के 124वें दिन आज गोपालगंज के गांधी कॉलेज मैदान में जन सुराज अभियान के गोपालगंज जिले का अधिवेशन हुआ। आज के अधिवेशन में जन सुराज के पार्टी बनने, लोकसभा चुनाव लड़ने और बिहार की सबसे बड़ी समस्या के मुद्दे पर मतदान हुआ। मतदान का नतीजा कुछ इस प्रकार रहा। कुल पड़े 2644 मत में से 2580 लोगों ने पार्टी बनने के पक्ष में वोट डाला। 64 लोगों ने मतदान के जरिए कहा कि पार्टी नहीं बननी चाहिए। अगर पार्टी बनती है तो क्या 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए, इस सवाल के उत्तर में कुल 2644 वोट पड़े।

इसमें से 2462 लोगों ने कहा कि लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए और 182 लोगों ने लोकसभा चुनाव लड़ने के खिलाफ वोट किया। बिहार की सबसे बड़ी समस्या के सवाल पर, 58 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी और पलायन को सबसे बड़ी समस्या बताया। वहीं 27 प्रतिशत लोगों ने भ्रष्टाचार और 15 प्रतिशत लोगों ने किसानों की बदहाली को समस्या बताया। कार्यक्रम के समापन पर मतदान के नतीजे सबके सामने रखे गए और मतों की गिनती भी मीडिया और लोगों के सामने की गई। आज के इस अधिवेशन में गोपालगंज जिले के जन सुराज से जुड़े सभी 14 प्रखंडों से हजारों लोग इस कार्यक्रम के हिस्सा बनें। कार्यक्रम में पश्चिम चंपारण एवं पूर्वी चंपारण जिले के जन सुराज कार्यवाहक समिति के सदस्यों ने भी हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत वोटिंग से हुई। इसके बाद मंच पर विशिष्ट अतिथियों का आगमन और संबोधन हुआ। इसके पश्चात प्रशांत किशोर ने जन सुराज की सोच और विजन के बारे में अपनी बातों को रखा।

उनके संबोधन के बाद राजनीतिक दल बनने और लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर हुए मतदान की गिनती हुई। जन सुराज अधिवेशन में आए हजारों लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हम जन सुराज के नेता नहीं है, बल्कि इसके सूत्रधार है। गांव, देहात, पंचायत, क़स्बा शहर से पैदल चलकर सही लोगों को ढूंढ़कर निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने पीछे चलने वालों को नहीं बल्कि बराबरी में साथ चलने वाले लोगों को ढूंढ़ रहें है। बिहार में जब पदयात्रा खत्म होगी तब सभी लोगों को एक मंच पर बैठाकर मिलकर ये तय करेंगे कि दल बनाया जाये की नहीं। लेकिन अगर दल बना तो वह प्रशांत किशोर का नहीं, किसी एक व्यक्ति, जाति, परिवार का नहीं बल्कि उन सारे लोगों का दल होगा जो इसे मिलकर चलाएंगे। आगे उन्होंने कहा कि आपके विश्वास के साथ धोखा नहीं होगा, मैं इसका गारंटर हूं, आप इस मुहिम पर यकीन कीजिए।  गोपालगंज के कोने-कोने से आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग अगर चाहते तो पार्टी एक दिन में बन जाती, पार्टी बनाने में कितना समय लगता है?

मैं बाकी की तरह दल न बनाकर पैदल चल रहा हूं। आप पूछेंगे इससे हासिल क्या होगा? हम आपको बताते हैं कि हम पैदल इसलिए चल रहे हैं, ताकि देख सके कि स्कूल में आपके बच्चें पढ़ रहे हैं कि नहीं। जो किसान खेत में मेहनत कर के फसल उपजा रहा है, उसे उचित कीमत मिल रहा है कि नहीं। हम पैदल चल रहे हैं तो पता चला है कि 5 किलो अनाज न मिलकर सिर्फ 4 किलो अनाज मिल रहा है। पैदल इसलिए चल रहे हैं, ताकि आपकी पीड़ा को अपनी आंखों से देख सके। इसलिए गांव-गांव जाकर लोगों के सामने हाथ जोड़ रहे हैं ताकि आप जागरूक हो और अपने बच्चों के लिए एक बेहतर बिहार के बारे में सोच सके। हमारा एक ही सपना है कि अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल देखें। हमारा प्रयास है कि समाज को मथकर सही लोगो को बाहर निकालकर एक मंच पर लाना। गोपालगंज अधिवेशन में आए हज़ारों लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सोचा था  जन सुराज में 10 हजार अच्छे लोगों को जोड़कर दल बनाया जाए। लेकिन मौजूदा समय में देखें तो यह संख्या 1 लाख हो गई है। पश्चिम चंपारण में ही ये संख्या 45 हजार से ज्यादा हो गई है जो जन सुराज के संस्थापक सदस्य बन गए हैं। आज पूर्वी चंपारण में पदयात्रा खत्म होने के बाद संस्थापक सदस्यों की संख्या 50-55 हजार हो गई है।

आने वाले समय में आप देखियेगा गोपालगंज में संस्थापक सदस्यों की संख्या 3 महीने के अंदर 25 हजार से कम नहीं होगी। जरा सोचिए कि जिस दिन पूरे बिहार में पदयात्रा हो गई तो कितने लाख लोग जुड़ जाएंगे। बिहार के सभी लोग आपस में बैठकर तय करेंगे कि दल बनना चाहिए या नहीं।