CM नीतीश के रहते कोई भी शोषितों, पिछड़ों और दलितों का आरक्षण नहीं छीन सकता : कुशवाहा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जगदेव बाबू शुरू से ही शोषितों, पिछड़ों, दलितों और बंचितों के लिए लड़ाई लड़ते रहे।

No one can take away the reservation of the exploited, backward and Dalits in the presence of CM Nitish

पटना , (संवाददाता): बिहार के लेनिन, महान राजनेता अमर शहीद जगदेव प्रसाद जी का जन्म शताब्दी समारोह जदयू कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में गुरूवार को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में धूमधाम से मनाई गयी। सर्वप्रथम प्रदेश अध्यक्ष कुशवाहा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया एवं जगदेव बाबू के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर पूर्व सांसद मंगनी लाल मंडल, बिहार सरकार के मंत्री शीला मंडल, मदन सहनी, सुनील कुमार एवं जयंत राज, विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक संजय गांधी, सांसद संतोष कुशवाहा, सुनील कुशवाहा एवं महाबली सिंह, पूर्व सांसद राम कुमार शर्मा, पूर्व मंत्री राम सेवक कुशवाहा, कृष्ण नंदन वर्मा, भगवान सिंह कुशवाहा,  मंजू वर्मा एवं संतोष कुमार निराला, विधायक निरंजन मेहता, विजय सिंह निषाद सहित बड़ी संख्या में पूर्व विधायक, पार्टी के नेता- पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने बाबू जगदेव बाबू को पुष्पांजली अर्पित करते हुए उनके संघर्षों को याद कर समाजिक सरोकार की प्रेरणा ली।

प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जगदेव बाबू शुरू से ही शोषितों, पिछड़ों, दलितों और बंचितों के लिए लड़ाई लड़ते रहे। मात्र 52 वर्ष की अल्पायु में उनके द्वारा स्थापित आदर्श, उनकी सोच और उनके आदर्श हमसबके लिए प्रेरणास्रोत हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया ने “पिछड़ा पावे सौ में साठ” का नारा बुलंद किया था, जगदेव बाबू ने उसे विस्तार देते हुए 50 साल पहले “सौ में नब्बे शोषित हैं, शोषितों ने ललकारा है; धन-धरती और राजपाट में नब्बे भाग हमारा है” का नारा दिया जो बिहार की राजनीति का केन्द्रबिन्दु बन गया था। उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जगदेव बाबू का संघर्ष, उनके उठाए सवाल, उनके पीछे खड़ी जमात और उनका कद इतना बड़ा था कि वो आज भी हमारे बीच मौजूद हैं और आज से 50 साल बाद भी उनका नाम लिए बगैर बिहार की राजनीति पूरी नहीं होगी। जगदेव बाबू युगद्रष्टा थे, उन्होंने कहा था कि “जो लड़ाई मैं शुरू कर रहा हूं, वह अगले सौ साल तक चलेगी।

पहली पीढ़ी मारी जाएगी, दूसरी पीढ़ी जेल में रहेगी और तीसरी पीढ़ी राज करेगी। हम सबके लिए आज संतोष और गर्व की बात है कि हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी जगदेव बाबू के सपने को साकार कर रहे हैं। हमलोगों ने देखा की नगर निकाय चुनाव के समय भाजपा वालों ने आरक्षण समाप्त करने की कितनी साजिश की पर नीतीश कुमार  के रहते कोई भी शोषितों, पिछड़ों और दलितों का आरक्षण नहीं छीन सकता। उमेश सिंह कुशवाहा ने अंदर – बहार खचाखच भरे कर्पूरी सभागार में कहा कि पिछड़ों और दलितों की राजनीति को वे इतना मजबूत कर गए कि आज हर पार्टी पिछड़े और दलित की बात करने को बाध्य है।

मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, पर हम सभी जानते हैं कि आज कुछ लोग शहीद जगदेव बाबू के आदर्शों का मुखौटा लगाकर घूम रहे हैं। लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उनसे सावधान रहने की जरुरत है। साथ ही समाज को किसी के भुलावे और भटकावे में आने से रोकने की एक बड़ी जिम्मेवारी भी हम सब पर है। दूसरी ओर हमारे नेता युगपुरुष नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पिछले 17 वर्षों से उनके आदर्शों और विचारों को सरजमीन पर उतार रहे हैं। उन्होंने जाति, वर्ग, धर्म, लिंग और क्षेत्र का भेदभाव किए बिना बिहार में विकास की ऐसी लकीर खींची है कि देश- दुनिया दांतो तले ऊँगली दबाने का बाध्य है।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे नेता के लिए पूरा बिहार उनका परिवार है और राजनीति हमेशा उनके लिए समाजसेवा का जरिया रही है। हमें उन लोगों की पहचान करनी है, जो हमारे नेता के मिशन को कमजोर करने में लगे हैं। हमें बरगलाने की, भटकाने की, भ्रमित करने की कई कोशिशें होंगी, लेकिन हमलोगों को सावधान रहना है और चट्टानी एकता के साथ अपने नेता का हाथ मजबूत करना है और उनके द्वारा किए जा रहे विकास-कार्यों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। बिहार-लेनिन श्रद्धेय जगदेव बाबू के लिए यही हमलोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।