आर्थिक आंकड़ो के बिना जातीय आंकड़े अधूरे: उपेन्द्र कुशवाहा
जातीय आंकड़ो के साथ आर्थिक आंकड़ो का भी प्रकाशन हो ताकि जातीय गणना के मूल उद्देश्यों को पूरा किया जा सके
पटना: राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने राज्य सरकार द्वारा जातीय गणना के प्रकाशन का स्वागत करते हुए कहा कि इसकी संपुष्टि के लिए पंचायत स्तर पर मतदाता सूची की तरह ही जातीय गणना की सूची भी प्रकाशित कर इसे आम जनता के लिए उपलब्ध कराए एवं इसमें छुटे हुए लोगों की पहचान गलत विवरणियों के सुधार पश्चात ही अंतिम रूप से सूची जारी करे. कुशवाहा ने कहा कि लोगों को यह भी शंका है कि वर्त्तमान जातीय आंकड़ो में आर्थिक आंकड़ो का समावेश नहीं है जो कि इस गणना के उद्देश्यों को सवालों के घेरे में खड़ा करता है | अतः जातीय आंकड़ो के साथ आर्थिक आंकड़ो का भी प्रकाशन हो ताकि जातीय गणना के मूल उद्देश्यों को पूरा किया जा सके.
कुशवाहा आज पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जातीय गणना एक स्वागत योग्य कदम है परन्तु सरकार ने जितनी जल्दबाजी में इस प्रक्रिया को पूरा किया उससे समाज के विभिन्न वर्गों में यह संशय पैदा कर दिया है कि यह जातीय गणना अपने उद्देश्यों को किस हद तक पूरा कर पाएगा. कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार ने बड़े जोर-शोर से दावा किया था कि जातीय गणना पूरी हो जाने के बाद गरीबों विशेष कर अन्य पिछड़ी जातियों एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों के लिए सरकार द्वारा लागू योजनाओं का लाभ ईमानदारी पूर्वक किया जा सकेगा. कुशवाहा ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि वह बताये कि जातीय गणना के आधार पर सरकार के पास उनकी भलाई के लिए कौन- कौन सी योजनायें हैं| उन योजनाओं को जनता के समक्ष रखना होगा अन्यथा यह जातीय गणना सिर्फ एक राजनीतिक एजेंडा बन कर रह जाएगा. इस संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राष्रीर य महासचिव व प्रवक्ता शम्भूनाथ सिन्हा, प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता राम पुकार सिन्हा, ब्रजेन्द्र कुमार पप्पू एवं नितिन भारती भी मौजूद रहे.