सत्य अहिंसा की प्रतिमूर्ति थे महात्मा गाँधी : उपेन्द्र कुशवाहा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी के कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं होता था|

Mahatma Gandhi was the embodiment of true non-violence: Upendra Kushwaha

पटना: राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी जी के जीवन पर्यन्त मानव के कल्याण हेतु अपना स्वरुप न्योछावर कर दिया| श्री कुशवाहा आज पार्टी के कैम्प कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे| उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी के कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं होता था| वो जो कहते थे उसे पहले अपने जीवन में उतारते थे| उसके बाद ही उस पर अमल करते थे | महात्मा गाँधी जैसा महान व्यक्तित्व देश ही नहीं पूरी दुनिया में प्रेरणा के श्रोत है| उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के सम्बन्ध में अपने संबोधन में कहा कि लाल बहादुर शास्त्री सादगी के प्रतीक बनकर भारत के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे| आज की राजनीति में उनसे यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि विनम्र और सादगी के साथ मनुष्य अपने कर्मों के बल पर कोई भी मुकाम हासिल कर सकता है |

जयंती समारोह में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री रमेश सिंह कुशवाहा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीतेन्द्र नाथ पटेल, राष्ट्रीय महासचिव ई० शम्भुनाथ सिन्हा, रेखा गुप्ता, रामपुकार सिन्हा, सुभाष कुशवाहा, प्रशांत पंकज, अंगद कुशवाहा, ब्रजेन्द्र कुमार पप्पू, सुभाष चंद्रवंशी, चंदन बागची, नितिन भारती, राघवेन्द्र कुशवाहा, मंजेश शर्मा, ई० हेमन्त कुमार, गुड्डू वर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे |