आम आदमी को राहत पहुंचाएगा नीतीश कुमार का बजट : रणबीर नंदन

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

नंदन ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी है।

Nitish Kumar's budget will bring relief to the common man: Ranbir Nandan

पटना :  जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने बिहार सरकार की ओर से पेश किए गए बजट 2023-24 को जनता के प्रति सरकार की सोच प्रदर्शित करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा समाज के सबसे आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने की बात करते हैं। बजट से ऐसा ही होता प्रतीत होता है।

वर्ष 2015 से 2020 तक नीतीश सरकार ने सात निश्चय योजना के तहत जनता के हित में ऐसे कदम उठाए, जिसने लोगों की जिंदगी को आसान बनाया। शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल की उपलब्धता से लेकर तमाम मुद्दों को सरकार ने हल करने का प्रयास किया। वर्ष 2021 में सात निश्चय पार्ट-2 पर काम शुरू हुआ। सुशासन के इस कार्यक्रम पर 5 हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित कर मुख्यमंत्री ने साबित किया है कि सरकार के केंद्र में आम आदमी है। वित्तीय वर्ष में विकासात्मक खर्च 1,67,375 करोड़ रुपए होंगे। यह कुल अनुमानित खर्च 2,61,885.40 करोड़ रुपए का 63.91 फीसदी है। यह दर्शाता है कि सरकार की योजनाओं के केंद्र में विकासात्मक योजनाएं हैं।

नंदन ने कहा कि नीतीश कुमार ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी है। मानव संसाधन के विकास को वे महत्वपूर्ण मानते रहे हैं। ऐसे में राज्य के बजट में शिक्षा पर सबसे अधिक खर्च होता रहा है। इस बार के बजट में भी शिक्षा पर 40,450.91 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। वहीं, कोरोना महामारी के बाद प्रदेश में लोगों के स्वास्थ्य पर सरकार का जोर बजट से साफ दिखता है। इस बार के बजट में स्वास्थ्य विभाग के लिए 16,966.42 करोड़ का प्रस्तावित किया गया है। नीतीश सरकार की उपलब्धि सड़क निर्माण के क्षेत्र में किसी से छिपी हुई नहीं है। पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से सड़कों के निर्माण की योजना पर कार्य किया जाता है। सड़क प्रक्षेत्र में इस वर्ष में 17,487.78 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान किया गया है।

नंदन ने कहा कि सरकार ने हमेशा दलित और ओबीसी कल्याण को लेकर योजनाओं को प्राथमिकता दी है। इस वित्तीय वर्ष में भी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण और पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण विभागों के लिए 12,439.41 करोड़ रुपए खर्च का प्रावधान किया गया है। निश्चित तौर पर ये योजनाएं सरकार की आखिरी पंक्ति में खड़े लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने में कारगर साबित होंगे। विकास योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किए जाने लेकर सरकार की ओर से मॉनिटरिंग सिस्टम को भी मजबूत किया गया है। यही वजह है कि 'नीतीश कुमार जो कहते हैं, करते हैं' वाली उक्ति सही साबित हो रही है।