Bihar News: 15 जून को निगम कर्मी करेंगे प्रदर्शन, जानें मामला

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

निगम बोर्ड को निगम कर्मियों की समस्याओं एवं उनकी सुविधाओं पर भी चर्चा करनी चाहिए।

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पटना, (संवाददाता): पटना नगर निगम संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, संयोजक मंगल पासवान, सचिव नीरज कुमार वर्मा एवं प्रवक्ता जितेंद्र कुमार ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि महापौर द्वारा किसी कर्मचारी को निलंबित करने के मामले को लेकर निगम बोर्ड का वहिष्कार किया जाना अपने आप में एक अद्भुत घटना है। यह विदित है कि निगम बोर्ड की अध्यक्षता महापौर को ही करना है, ऐसी स्थिति में निगम बोर्ड का वहिष्कार नहीं बल्कि उसका मार्गदर्शन कर निगम के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए। 

सिंह ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि निगम के 8500 (साढे आठ हजार) कर्मियों की कठिनाइयों को सुनने के बजाय केवल उन पर कार्रवाई की बात होती है। एक तरफ निगम कर्मी दिन-रात जी-जान लगाकर स्वच्छता अभियान को सफल बनाने एवं पटना को बेहतर रैंकिंग दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।

दूसरी तरफ बिना जांच अथवा अपने पक्ष को रखने का मौका दिए, उन्हें निलंबित किया जा रहा है अथवा बेवजह उनका वेतन बंद किया जा रहा है। निगम में कार्यरत दैनिक कर्मियों की सेवा को नियमित करने एवं समय-समय पर उनके वेतन में वृद्धि करने जैसी मांगों पर भी कोई विचार नहीं किया जा रहा है। जबकि आउटसोर्स कर्मियों को समय पर उनका वेतन का भुगतान भी नहीं हो रहा है। और यदि हो भी रहा है तो नाजायज रूप से इनके वेतन में भारी कटौती की जा रही है।

निगम बोर्ड को निगम कर्मियों की समस्याओं एवं उनकी सुविधाओं पर भी चर्चा करनी चाहिए। समन्वय समिति के नेताओं ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि निगम कर्मियों पर केवल दबाव बनाकर इतने अल्प वेतन में काम लिया जा रहा है। काम का दबाव एवं विभिन्न स्तर पर मानसिक प्रताड़ना एवं आर्थिक दोहन के चलते कर्मचारी बीमार पड़ रहे हैं। काम के दौरान काफी कर्मियों की मृत्यु हो रही है। उनके परिवार को मदद देने एवं नियमानुसार ग्रेच्युटी, पेंशन, मुआवजा एवं भविष्य निधि के मद जमा अंशदान का भुगतान आदि के बारे में बोर्ड में चर्चा होनी चाहिए। समन्वय समिति के नेताओं ने निगम प्रशासन को चेतावनी दी है कि निगम कर्मियों के साथ मारपीट, गाली-गलौज, दुर्व्यवहार तथा अकारण अथवा बिना उनका पक्ष सुने निलंबित और बर्खास्त करने की कार्रवाई को संयुक्त कर्मचारी समन्वय समिति बर्दाश्त नहीं करेगी।

सिंह ने यह भी कहा कि निगम कर्मियों की बातें यदि नहीं सुनी जाएगी और लंबित मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो आंदोलन के प्रथम चरण में 15 जून को मुख्यमंत्री एवं नगर विकास मंत्री के समक्ष मांगों के समर्थन में विशाल प्रदर्शन किया जाएगा।