Bihar News: पीएमजीएसवाई के बेमिसाल 25 साल, बिहार के गांवों में बिछा सड़कों का जाल

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

ढाई दशक में पीएमजीएसवाई के तहत बिहार में 60,474 किमी ग्रामीण सड़कों का हो चुका निर्माण

A network of roads spread across Bihar's villages

Bihar News: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने पिछले ढाई दशक में बिहार के गांव और टोलों को संपर्कता प्रदान करने में 60,474 किमी का सफ़र तय कर लिया है। केंद्र सरकार की यह योजना इस दिसंबर के महीने में अपनी 25वीं वर्षगांठ मना रही है। वर्ष 2000 के 25 दिसंबर से शुरू की गई इस योजना ने अपनी ऐतिहासिक पहल से देश के गरीब और दूरस्थ बस्तियों को बारहमासी सड़क से जोड़कर लोगों के जीवन में कई क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। इस योजना का मूल उद्देश्य असंबद्ध ग्रामीण बस्तियों तक पक्की सड़क पहुंचाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि बाजार, परिवहन, रोजगार, विधि-व्यवस्था के संधारण के साथ-साथ अन्य आवश्यक सेवाओं तक ग्रामीण आबादी की पहुंच को आसान बनाना है।      

पिछले 25 वर्षों में पीएमजीएसवाई ने बिहार के ग्रामीण इलाकों की दशा और दिशा दोनों में कई बड़े बदलाव लाए हैं। इस योजना के तहत वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2025 तक बिहार में कुल 60,474 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। इतना ही नहीं, इस योजना के तहत बिहार के ग्रामीण इलाकों में कुल 1584 पुलों का निर्माण भी कराया गया है। पीएमजीएसवाई ने पिछले 25 वर्षों में बिहार के कुल 31,280 वैसे बसावटों को बारहमासी सड़कों की संपर्कता प्रदान की है, जिन बसावटों की आबादी 500 से अधिक है। योजना की शुरुआत में केवल एक हजार की आबादी वाले बसावटों को ही पीएमजीएसवाई के तहत संपर्कता प्रदान की जा रही थी। बाद में 500 की आबादी वाले बसावटों को भी पीएमजीएसवाई के तहत बारहमासी सड़कों से जोड़ने का निर्णय लिया गया।

इस योजना के तहत वर्ष 2000 से 2005 के शुरूआती दौर में बिहार की कुल 723 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया था। जबकि वर्ष 2005 के बाद इस योजना ने बिहार में रफ़्तार पकड़ी और वर्ष 2005 से 2010 के बीच बिहार के वैसे ग्रामीण बसावटों को जिसकी आबादी एक हजार से अधिक थी, उन्हें बारहमासी सड़कों से जोड़ने का काम एक अभियान के रूप में चलाया गया। इस दौरान कुल 8,271 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया। बाद के वर्षों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में पीएमजीएसवाई ने जो गति पकड़ी वह आज भी कायम है। वर्ष 2010 से 2015 के दरम्यान राज्यभर में पीएमजीएसवाई से कुल 32,625 किमी सड़कों का निर्माण किया गया। इसी तरह, वर्ष 2015 से 2020 के बीच राज्य में 51,489 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया गया था।  जबकि वर्ष 2020 से लेकर 2025 के नवंबर माह तक कुल 60,474 किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा किया जा चुका है।

30,446 सुविधा केंद्र जोड़े जा चुके हैं बारहमासी सड़कों से  इस योजना की सामाजिक और संरचनात्मक उपलब्धियां भी उल्लेखनीय हैं। बिहार में ही पीएमजीएसवाई के तहत 30,446 सुविधा केंद्रों, जिनमें 6,331 कृषि मंडियां, 7,741 शैक्षणिक संस्थान, 3,433 स्वास्थ्य केंद्र और 12,941 परिवहन केंद्रों को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा चुका है। इससे गांवों में विकास की रफ्तार में कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है। साथ ही, ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी गुणात्मक सुधार हैं।       

ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ विधि-व्यवस्था को भी मिली मजबूती 

योजना के तहत अबतक बिहार के करोड़ों लोगों को सड़क सुविधा मिली है, जिससे ग्रामीण भारत की आर्थिक गतिविधियां बढ़ीं हैं। किसानों को अपने उत्पाद के लिए बाजार तक सीधी पहुंच मिली है। बच्चों की स्कूल तक यात्रा सुरक्षित हुई है और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में बड़ा सुधार आया। इतना ही नहीं, ग्रामीण इलाकों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में भी बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। दिसंबर, 2025 में इसकी 25वीं वर्षगांठ केंद्र तथा राज्य सरकार मिलकर पूरे देश में समारोह के रूप में मना रही है। इस अवसर पर योजना की सफलता, उपलब्धियों और व्यापक प्रभाव पर एक विस्तृत राष्ट्रीय रिपोर्ट भी जारी की जा रही है।

कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुका है बिहार 

बिहार जैसे राज्य ने तो इस योजना के तहत लगातार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी जीते हैं। सड़कों की सर्वाधिक लंबाई के निर्माण, सर्वाधिक बस्तियों को जोड़ने और नई तकनीक अपनाने के लिए कई बार बिहार को देशभर में प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।