पीएम ने राष्ट्रवाद को सर्वोपरि बनाया, समाजवाद इससे अलग नहीं, इसमें समाहित है : राज्यपाल
इस दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि मैं एक सुझाव देना चाहूंगा।
पटना : बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार को बिहार विधान परिषद स्थित उप भवन सभागार परिसर में उषा विद्यार्थी की लिखित पुस्तक राष्ट्रनायक नरेंद्र मोदी राष्ट्रवाद से समाजवाद की ओर का विमोचन किया। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा और पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के अलावे लेखिका पूर्व विधायक डॉ उषा विद्यार्थी मंचासीन रहीं। कार्यक्रम के दौरान सभागार में सम्मानित अतिथि के रूप में अनेक पूर्व मंत्री, विधायक, विधान परिषद के सदस्य उपस्थित थें।
इस दौरान अपने संबोधन में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि मैं एक सुझाव देना चाहूंगा। इस पुस्तक का नाम राष्ट्रनायक नरेंद्र मोदी - राष्ट्रवाद से समाजवाद है। मगर मेरी राय मानें तो इसका नाम राष्ट्रवाद से राष्ट्रवाद होना चाहिए था, क्योंकि राष्ट्रवाद में ही समाजवाद नीहित है। मैं उस दौर का जिक्र करना चाहूंगा जब हमें सन् 1947 में आजादी मिली। देश वही था केवल राजनीतिक रुप से हम स्वतंत्र हुए। मगर उन दिनों के सत्ताधारी व अन्य राजनेताओं ने समाजवाद को लेकर आगे बढ़ने की ठानी, जबकि हमारे मूल सिद्धांत राष्ट्रवाद को पीछे छोड़ दिया। पूरे विश्व में समाजवाद की क्या स्थिति थी। यह हमसे छिपी नहीं थी।
शायद यही वजह है कि आज राष्ट्रवाद के सच्चे पुरोधा पीएम मोदी बन चुके हैं। मेरा मानना है कि समाजवाद राष्ट्रवाद में ही नीहित है। आगे कहा कि इस पुस्तक का विषय मेरे मन की गहराई तक ले जाने वाला है। शायद यही वजह है कि मैं आज इस कार्यक्रम में शरीक होने से खुद को रोक नहीं पाया। यह पुस्तक श्री मोदी जी की सोच के लिए जाना जाएगा। जिसमें मोदी जी से जुड़ी कई तथ्य आपको पढ़ने के लिए मिल जाएंगे। महामहिम ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अपने हर छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं। देश के सर्वाेच्च पद पर बैठने के बाद भी उन्होंने हर कार्यकर्ता का सम्मान किया। मेरे जैसे कार्यकर्ता को भी इज्जत दी।
इस दौरान सर्वप्रथम खगौल महिला कॉलेज की प्राचार्य और पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी ने उपस्थित सभी आंगतुकों का स्वागत किया और उन्हें पुष्पगुच्छ व पौधा देकर सम्मानित किया गया। अपने संबोधन में उषा विद्यार्थी ने अपनी लिखित पुस्तक के कथ्यों की विस्तार से जानकारी दी। आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और कृतित्व ने राजनीति को पुनः सेवाश्रम त्याग का माध्यम बना दिया है। सेवा और त्याग की भावना के बिना राजनीति में संवेदना संभव नहीं है।
यह पुस्तक हमारे जनप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनोन्मुखी कार्यों को प्रमुखता से चिन्हित करने का एक विनम्र प्रयास है। कहा कि मैनें अपने 30-35 वर्षों के राजनीतिक अनुभवों को किताब की शक्ल दी है। आज के दौर में जनप्रिय नेता मोदी की राष्ट्रवाद व समाजवाद को सामने रखने की कोशिश एक चुनौती से कम नहीं थी। बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने भी लेखिका को बधाई दिया। कार्यक्रम के दौरान कहा कि पुस्तक की रचना राष्ट्रवाद का प्रतीक है। हमारे प्रधानमंत्री ने देश को राष्ट्रवाद से वैश्विक स्तर तक ले जाने का कार्य किया है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने भी अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक है। हमारी बहन ने पीएम मोदी के कृत्यों को राष्ट्रवाद के प्रतीक के तौर पर जोड़कर सुंदर रचना साकार की है।
पीएम ने हमेशा राष्ट्र की चिंता की बल्कि अन्य समाजवादियों ने केवल परिवार को आगे बढ़ाने का कार्य किया। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि इस पुस्तक के विषय से हमें इससे कई जानकारियों हासिल होंगी। विशेषकर हमारे प्रधानमंत्री की जो कार्यशैली रही है, उसे समझने का मौका मिलेगा। पीएम ने संघ की विचारधारा को कार्यकर्ता से लेकर देश तक पहुंचाया है। सही मायने में मोदी की राष्ट्रवाद उनका समाजवाद है। राष्ट्रवाद व समाजवाद देश की पूंजी है। असली राष्ट्रवाद गरीबी समाप्त करना है। जो हमारे प्रधानमंत्री कर रहे हैं।
आज देश में वंचित वर्ग को लाभ देने के लिए पीएम कई प्रकार की योजनाएं चला रहे हैं। पीएम समाज के हर वर्ग के लिए जनकल्याणकारी नीति बनाकर कार्य करते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में वरिष्ठ पत्रकार व भारत सरकार के हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य विनय कुमार ने पुस्तक पर अपने विचार प्रकट किए थे। कार्यक्रम के दौरान कई गणमान्य उपस्थित रहें। कार्यक्रम के समापन पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिलीप जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।