Bihar Elections: चुनाव आयोग कि विश्वसनीयता संदेह के घेरे में  -चुनाव आयोग अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन में विफल 

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

विपक्षी दलों द्वारा ध्यान दिलाने के बावजूद चुनाव आयोग मूक दर्शक बनी हुई है।

Election Commission has failed to discharge its constitutional obligations news in hindi

Patna News: राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने चुनाव आयोग के विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन में विफल साबित हो रही है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि लोकसभा में नेता विरोधी दल राहुल गांधी द्वारा सबूतों के साथ तार्किक रूप से वोट चोरी का जो आरोप लगाया है उससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। बिहार में भी जिस ढंग से खुलेआम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है और विपक्षी दलों द्वारा ध्यान दिलाने के बावजूद चुनाव आयोग मूक दर्शक बनी हुई है।

राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर आयोग द्वारा स्वीप कार्यक्रम के आड़ में प्रशासनिक मशीनरी द्वारा सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में प्रसार-प्रचार किए जाने की ओर ध्यान दिलाने के बावजूद आयोग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके पूर्व भी राजद के राज्यसभा सांसद डॉ मनोज कुमार झा ने चुनाव आयोग का ध्यान आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जीविका समूह से जुड़े महिलाओं के खाते में दस-दस हजार रुपए दिए जाने की ओर दिलाया गया था पर उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि इस सम्बन्ध में चुनावी मंच से मुख्यमंत्री द्वारा खुद घोषणा भी की गई थी।      

राजद प्रवक्ता ने कहा कि एक केन्द्रीय मंत्री द्वारा सार्वजनिक रूप से मतदाताओं को घर से बाहर निकलने नहीं देने की धमकी दिया गया पर केवल एफ आई आर की औपचारिकता पूरी कर चुनाव आयोग ने चुप्पी साध ली है। जबकि ऐसे मामले में पूर्ववर्ती मुख्य चुनाव आयुक्तों द्वारा ताड़ीपार करने या घर से निकलने पर प्रतिबंध लगाने जैसे आदेश दिए जाने के उदाहरण मौजूद हैं। चुनावी मंचों से सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा विपक्षी नेताओं पर व्यक्तिगत टिप्पणियां और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग होता रहा पर चुनाव आयोग मूक दर्शक बनी हुई है। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा खुले तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने पर भी चुनाव आयोग चुप्पी साधे हुए रहता है।
         

राजद प्रवक्ता ने कहा कि एक ओर चुनाव आयोग लोगों से मतदान करने की अपिल कर रही है वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में शिक्षकों, वफादारों और चौकिदारों को मतदान के अधिकार से वंचित किया गया है।फॉर्म 12  भरने के बावजूद बड़ी संख्या में शिक्षकों को पोस्टल बैलेट नहीं दिया गया जिससे उन्हें अपने मतदान के अधिकार से वंचित होना पड़ा। शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी प्रकार दफादार और चौकीदारों को अपने गृह विधानसभा के बजाय दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी ड्यूटी लगा दी गई है और उन्हें पोस्टल बैलेट की सुविधा भी नहीं दी गई है। स्वाभाविक तौर पर हजारों की संख्या में दफादार और चौकीदार मतदान नहीं कर पायेंगे।

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