Bihar News: 8 जून को बापू सभागार, पटना में सूढ़ी समाज का उमड़ेगा जनसैलाबः डा. वरूण

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

अतिपिछड़ा में शामिल होने के लिए सूढ़ी समाज का अधिकार महासम्मेलन से जागरूक हुआ समाज

 8 June a huge crowd of Sudhi community will gather in Bapu Auditorium Patna news In hindi

Bihar News: पटना, बापू सभागार में 8 जून 2025 को होने वाले सूढ़ी अधिकार महासम्मेलन की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस महासम्मेलन में बिहार के कौन-कौन से सूढ़ी समाज के हजारों लोग पहुंच रहे हैं। उक्त बातें अखिल भारतीय सूढ़ी (वैश्य) संगठन के संयोजक डा. वरुण कुमार ने कहा। वे शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूढ़ी (वैश्य) की उपजाति है। इसके समानांतर उपजाति को बिहार सरकार ने एक दशक पूर्व अतिपिछड़ा में शामिल कर लिया, लेकिन सूढ़ी जाति को भगवान भरोसे छोड़ दिया। इससे सूढ़ी समाज में आक्रोश है। अपने हक और अधिकार के लिए सूढ़ी समाज हजारों भीड़ बापू सभागार में उपस्थित होकर हुंकार भरेंगे। अतिपिछड़ा में शामिल होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

पूर्व उद्योग मंत्री व विधायक समीर महासेठ ने कहा कि बंगाल में सूढ़ी एससी/एसटी में है। जबकि झारखंड एवं उड़ीसा में अतिपिछड़ा में है। तो फिर में बिहार में सूढ़ी को अतिपिछड़ा में शामिल क्यों नहीं किया गया है। सूढ़ी की आबादी बिहार में चालीस लाख है। बतौर विधायक मैंने सदन से कई बार सूढ़ी समाज को अतिपिछड़ा में शामिल करने के लिए मांग किया है। लेकिन सरकार हर बार अनसुना कर सूढ़ी समाज के साथ अन्याय कर रही है। अब हम वर्तमान सरकार के खिलाफ बिगुल फुकेंगे।

बिहार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल सचेतक व खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि सूढ़ी अधिकार महासम्मेलन में हजारों लोग गांव गांव से आ रहे हैं। सूढ़ी समाज के लोगों की जागरूकता देखकर लग रहा है कि बिहार सरकार को हर हाल में सूढ़ी को अतिपिछड़ा में शामिल कर उसे सम्मान देना चाहिए। आर्थिक, समाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से सूढ़ी समाज पिछड़ गया है। इसलिए अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल कर उसको समाज को मुख्य धारा में शामिल करना चाहिए।

हायाघाट के पूर्व विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि सूढ़ी जाति को आबादी के अनुपात में भागीदारी नहीं मिल रहा है। राजनीति दल सूढ़ी जाति को अनदेखा करते हैं। जो देगा सूढ़ी जाति सम्मान, समाज उसका करेगा गुणगान। अतिपिछड़ा के अधिकार से वंचित रखना अब महंगा पड़ेगा।

पूर्व विधान पार्षद बैधनाथ प्रसाद ने कहा कि सूढ़ी समाज वैश्य समाज के प्रमुख घटक होने के बावजूद राजनीतिक हिस्सेदारी में पिछड़ेपन का शिकार है। जब तक समानुपातिक राजनीतिक हिस्सेदारी सूढ़ी जाति को विभिन्न राजनीतिक दलों से नहीं मिलेगा। तब तक इस समाज का राजनीतिक, शैक्षणिक, आर्थिक विकास संभव नहीं है। सिर्फ इसी उद्देश्य को पूर्ति के लिए पटना के बापू सभागार में सूढ़ी अधिकार महासम्मेलन आयोजित किया गया है।

पूर्व एमएलसी सुमन महासेठ ने कहा कि मुंगेरीलाल आयोग ने अपने समाजिक रिपोर्ट में तैली, सूड़ी, कानू एवं अन्य जाति के जीवनस्तर समान रुप से पाया है। लेकिन सरकार वैश्य समाज को तोड़ने के लिए सूढ़ी को आरक्षण नहीं देकर राजनीतिक एवं समाज रुप से पीछे करने का कार्य किया है। लेकिन सूढ़ी समाज अब चुप नहीं बैठेंगे। आरक्षण प्राप्त होने तक संघर्ष जारी रहेगा।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को सह संयोजक सुनील गड़ाई, कोषाध्यक्ष विष्णु महतो, प्रवक्ता पप्पू कुमार नायक, कार्यालय प्रभारी रत्नेश कुमार, मीडिया प्रभारी अशोक कुमार गुप्ता, मुजफ्फरपुर प्रमंडलीय संयोजक चितरंजन महतो, दरभंगा संयोजक प्रहलाद पूर्वे, कोशी संयोजक सुनील नायक, भागलपुर संयोजक दिगम्बर मंडल, पूर्णिया संयोजक अमित पूर्वे, मगध संयोजक मनोज गुप्ता, पटना संयोजक राजेश गुप्ता एवं सारण संयोजक अवधेश भगत सहित संगठन ने अन्य लोग उपस्थित थे।