Patna News: बिहार स्वास्थ्य विभाग में घोटाला: विदेशी MBBS छात्रों की योग्यता सूची रद्द, कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

एनसीपी ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता खत्म हो रही है।

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Patna News: पटना, बिहार के स्वास्थ्य विभाग में एक नया घोटाला सामने आया है, जिसमें विदेश से एमबीबीएस डिग्री प्राप्त 551 छात्रों की योग्यता सूची को कथित तौर पर रद्द करने का मामला उजागर हुआ है। इन छात्रों ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बिहार चिकित्सा परिषद पंजीकरण में बिहार के चिकित्सा महाविद्यालयों में इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया था। बिहार चिकित्सा परिषद पंजीकरण के रजिस्ट्रार डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह ने पूरी ईमानदारी से योग्यता सूची तैयार की थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कथित तौर पर दबाव बनाकर इस सूची को रद्द करवा दिया।

सूत्रों के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ने चार-पांच अधिकारियों का एक दल गठित किया, जिसने नई योग्यता सूची तैयार की और डॉ. सहजानंद से जबरन हस्ताक्षर करवाए। डॉ. सहजानंद ने स्वयं छात्रों को बताया कि वे इस तरह के भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं और दबाव में हस्ताक्षर करने को मजबूर हुए। उनकी ईमानदारी की प्रतिष्ठा को देखते हुए लोग मानते हैं कि वे आर्थिक भ्रष्टाचार से दूर रहते हैं। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

इस मामले को लेकर विदेशी एमबीबीएस डिग्री धारक छात्र पिछले चार दिनों से पटना में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि सरकार एक ओर चिकित्सकों की कमी की बात करती है, वहीं दूसरी ओर योग्य एमबीबीएस डिग्री धारकों के साथ अन्याय हो रहा है। चार दिन के धरने के बाद नई योग्यता सूची तो जारी की गई, लेकिन इसमें अनियमितताओं के आरोप लग रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले को किसी भी प्रमुख समाचार पत्र या समाचार चैनल ने प्रमुखता से नहीं उठाया, जिससे मीडिया सेंसरशिप के आरोप और गहरा गए हैं।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) बिहार प्रदेश के संयोजक श्री सूर्यकांत कुमार सिंह ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “यह घोटाला बिहार स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी का स्पष्ट उदाहरण है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ अस्वीकार्य है। हम मांग करते हैं कि दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए और बिहार चिकित्सा परिषद पंजीकरण को नई योग्यता सूची पारदर्शी तरीके से तैयार करने का निर्देश दिया जाए।”

एनसीपी ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर भी निशाना साधा, यह कहते हुए कि उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता खत्म हो रही है। श्री सूर्यकांत कुमार सिंह ने आगे कहा, “स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि उनके कार्यकाल में इस तरह का घोटाला बिहार सरकार की छवि को धूमिल कर रहा है।”

धरने के दौरान डॉ. सहजानंद ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए छात्रों के लिए भोजन भिजवाया, जिसे छात्रों ने अस्वीकार कर दिया, जो उनके आक्रोश और संकल्प को दर्शाता है। यह घोटाला न केवल बिहार सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि उन छात्रों के भविष्य को भी खतरे में डालता है, जो कठिन परिश्रम के बाद विदेश से एमबीबीएस डिग्री लेकर लौटे हैं। सरकार को इस मामले में तत्काल जांच और कार्रवाई करनी चाहिए ताकि न्याय सुनिश्चित हो और स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता बहाल हो।इस उक्त जानकारी प्रदेश प्रवक्ता अतुल्य गुंजन ने दिया।

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