पटना चिड़ियाघर को पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत मैसूर से बाइसन, ज़ेबरा, ढोले और काला हंस मिलेंगे
मुख्य वन्यजीव वार्डन ने कहा, "इसी तरह हमें दो मादा और एक नर बाइसन मिल रहे हैं। जबकि हमें ढोले की एक जोड़ी मिल रही है। पटना चिड़ियाघर को इसके तहत...
पटना : पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान को पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत मैसूरु चिड़ियाघर से बायसन, ग्रांट ज़ेबरा, ढोले (सोनकुत्ता) और काला हंस मिलेंगे। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने पटना चिड़ियाघर के नाम से लोकप्रिय संजय गांधी जैविक उद्यान और श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन (मैसूर चिड़ियाघर) के बीच पशु विनिमय कार्यक्रम की अनुमति दे दी है।
मुख्य वन्यजीव वार्डन पी के गुप्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पशु विनिमय कार्यक्रम के अनुसार, पटना चिड़ियाघर को एक मादा जिराफ के बदले में मैसूरु चिड़ियाघर से तीन बाइसन, दो ग्रांट ज़ेब्रा, दो ढोले (सोनकुत्ता) और दो काले हंस मिलेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस संबंध में सीजेडए से अनुमति मिल गई है। यह पटना द्वारा हाल के दिनों में किए गए सबसे बड़े पशु विनिमय कार्यक्रमों में से एक होगा। पशुओं के इस महीने के अंत तक पटना चिड़ियाघर में आने की उम्मीद है।’’ गुप्ता ने कहा, "सीजेडए भारत में सभी चिड़ियाघरों के लिए सर्वोच्च निकाय है और इसके दिशानिर्देशों का एक सेट है जो भारत में सभी चिड़ियाघरों को विनिमय कार्यक्रम आयोजित करते समय पालन करना होता है।"
उन्होंने बताया, ‘‘पटना चिड़ियाघर, श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन (मैसूर) में एक मादा जिराफ भेजेगा। बदले में हमें बाइसन (3), ग्रांट जेब्रा (2), ढोले (2) और दो काले हंस मिलेंगे। सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।’’
गुप्ता ने कहा कि पटना चिड़ियाघर में वर्तमान में केवल एक मादा ज़ेबरा है और चिड़ियाघर को जोड़ी को पूरा करने के लिए एक नर ज़ेबरा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "हमें श्री चामराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन से एक जोड़ा ज़ेबरा (पर और मादा दोनों) मिल रहे हैं। पटना चिड़ियाघर में उनके लिए बनाए गए विशेष बाड़ों में उन्हें रखा जाएगा, जहां वे प्रजनन कर सकेंगे।’’
मुख्य वन्यजीव वार्डन ने कहा, "इसी तरह हमें दो मादा और एक नर बाइसन मिल रहे हैं। जबकि हमें ढोले की एक जोड़ी मिल रही है। पटना चिड़ियाघर को इसके तहत काले हंसों की एक जोड़ी भी मिलेगी।"
लगभग 153 एकड़ भूमि में फैले पटना चिड़ियाघर में जंगली जानवरों की 108 विभिन्न प्रजातियाँ हैं, जिनमें से 50 प्रजातियाँ लुप्तप्राय श्रेणी में हैं। पटना चिड़ियाघर में कुल पशु-पक्षियों की संख्या 1,163 है। पटना चिड़ियाघर में हर साल लगभग 25 लाख आगंतुक आते हैं और पिछले कुछ वर्षों में आगंतुकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
गुप्ता ने कहा, "पटना चिड़ियाघर एक सींग वाले गैंडों के एक्स-सिटू संरक्षण प्रजनन के लिए विश्व प्रसिद्ध है। रॉयल बंगाल टाइगर, व्हाइट टाइगर, ब्लैक बेयर और जिराफ जैसे अन्य स्तनधारी भी सफलतापूर्वक प्रजनन कर रहे हैं और लगातार स्वस्थ जानवरों की संख्या बढ़ा रहे हैं।"