बदलता सामाजिक परिवेश देश के लिए चिंता का विषय : डॉ ध्रुव सनाढ़य
डॉ ध्रुव सनाढ़य ने इस परिवर्तन के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए बताया के हाल ही श्रद्धा मर्डर जैसी घटनाएं इंसानियत को शर्मसार करने वाली है
Patna : समय परिवर्तनशील है और समय के साथ साथ समाज के संस्थागत ढांचे में परिवर्तन होना भी स्वाभाविक है परन्तु जब ये परिवर्तन नकारात्मकता की और प्रवाहित होने लगता है तो समाज के हर तबके को इसमें सुधार के लिए चिंतन करना चाहिए .
पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा के निजी सहायक डॉ ध्रुव सनाढ़य ने इस परिवर्तन के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए बताया के हाल ही श्रद्धा मर्डर जैसी घटनाएं इंसानियत को शर्मसार करने वाली है . वर्तमान युवा पीढ़ी को चाहिए कि नए परिवर्तन को स्वीकार करें परंतु पुरानी मान्यताओं का पूर्ण रूप से बहिष्कार न करें .
विवाह जैसे मुद्दों पर युवा खुल कर बात करे परंतु ये भी विदित रहे के अपने बुजुर्गों के अनुभवों का भी आदर कायम रहे भारतीय सभ्यता संस्कृति का सम्मान करें आभासी दुनिया के बजाए सामाजिक मेलझोल बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दे ताकि मुसीबत के समय आपके साथ अधिक से अधिक लोग उपस्थित रहे सामाजिक मेल झोल बढ़ने से ही कई प्रासंगिक समस्याओं का समाधान हो सकता है डॉ ध्रुव सनाढ़य ने बताया कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए समाज के हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी देश के प्रति तय करनी चाहिए कुछ भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी समय रहते प्रशासन को देनी चाहिए
ताकि समय रहते उन पर लगाम लगाई जा सके ।