सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक समृद्धि के समाज में दोयम दर्जे की जिंदगी आज भी कायम है: अक्षत कान्त चौधरी

राष्ट्रीय, बिहार

अक्षत कांत ने राष्ट्रपति जी को पुन: बिहार आने का नेवता दिया जिसे महामहिम राष्ट्रपति जी ने स्वीकार कर लिया।

Second class life still persists in a society of socio-economic and educational prosperity: Akshat Kant Chaudhary

Bihar News: नारी शक्ति की प्रतिमूर्ति भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के स्नेहशील पवन आशीष और स्नेह का अभिसिंचित बिहार के लाल अनुसूचित जाति समुदाय के अंतिम पंक्ति से आने वाले  अक्षत कान्त चौधरी ने महामहिम से मिलकर बिहार के वर्तमान समाज में अनुसूचित जाति और अनुससूचित जन जाति के महिलाओं की दशा दर्द और कुरीतियों की दंश की गाथा से अवगत कराया ।

सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक समृद्धि के समाज में दोयम दर्जे की जिंदगी आज भी कायम है। अक्षत कान्त चौधरी ने चर्चा के दौरान बिहार की महिलाओं की आर्थिक सामाजिक और शैक्षिक समृद्धि बनाने के आयाम/ पहल पर  महामहिम का ध्यान आकृष्ट कराया।  राष्ट्रपति जी की चिंता हर एक महत्तवपूर्ण कार्यों में महिलाओं की समृद्ध भागीदारी भी है। चर्चा के दौरान महामहिम से अक्षत कांत को भी कार्यों के संपदा के लिए कई सुझाव मिले।  राष्ट्रपति जी ने भी अपनी क‌ई राय को साझा किए।

अक्षत कांत ने राष्ट्रपति जी को पुन: बिहार आने का नेवता दिया जिसे महामहिम राष्ट्रपति जी ने स्वीकार कर लिया। महिला सशक्तीकरण की अवधारणा की गाथा मगध की धरती गया जिला से शुरूआत होगी। इस आशय  की जानकारी अक्षत कान्त ने दिए। उन्होंने कहा कि महामहिम के बिहार आगमन प‌ङ महिला मैराथन दौड़ आयोजित होगी। जिसमें गांवों की दीदी,सास- वधू, नन्द- भौजाई और बेटीयां ही प्रतिभागी होगी। मैराथन दौड़ की तैयारी जोरों पर हैं। अक्षत कान्त का प्रयास गया स्टेशन से बोधगया मंदिर तक मोनो रेल और गया कोरिडोर की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं। अक्षत कान्त चौधरी नशामुक्त अभियान कौशल का राष्ट्रीय प्रभारी हैं। बचपन से ही कुशाग्रबुद्धि के अक्षत कान्त ने अपने पिता  उमा कांत चौधरी के सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में लगनशीलता के साथ हाथ बंटाया।

 बिहार की राजनीति में  जीतन राम मांझी  की हम (से) पार्टी को खड़ा करने में अहम भूमिका अदा किए हैं। अक्षत कान्त तीन भाई -बहन हैं। इनके छोटे भाई गोल्ड मेडलिस्ट एम बी बी एस हैं और छोटी बहन केन्द्रीय विश्वविद्यालय से बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक की  हैं।