अतिपिछड़ा समाज के लिए युगपुरुष हैं नीतीश, पूरा देश कर रहा है अनुसरण : राजीव रंजन

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए इससे अतिपिछड़ा समाज के विकास के लिए क्रांतिकारी कदम करार दिया.

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पटना: आज पटना के हार्डिंग रोड में अतिपिछड़ा समाज के प्रमुख नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में जदयू के राष्ट्रीय महसचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन, जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ धर्मेन्द्र चन्द्रवंशी, भारतीय धानुक महासंघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद, कानू विकास संघ के अध्यक्ष अजय कुमार आदि की सहभागिता रही. बैठक में उपस्थित नेताओं ने जातिगत गणना की सफलता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए इससे अतिपिछड़ा समाज के विकास के लिए क्रांतिकारी कदम करार दिया.

इस अवसर पर उपस्थित अतिपिछड़ा समाज के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व मे आस्था जताते हुए उनके किए कार्यों को बिहार के जन जन तक पहुंचाने का संकल्प भी लिया.

मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अतिपिछड़ा समाज का युगपुरुष बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर के बाद नीतीश कुमार ऐसे पहले राजनेता हैं जिन्होंने अतिपिछड़ा समाज के दुःख दर्द को समझा और उन्हें दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास किये हैं. यह उन्हीं की करायी जातिगत गणना की देन है कि जिस अतिपिछड़ा समाज को राजनीतिक दल वोटबैंक से अधिक महत्व नहीं देते थे, आज उसके विकास की बात राष्ट्रीय विमर्श बन चुका है. नीतीश जी के कारण ही आज भाजपा जैसे अतिपिछड़ा विरोधी दल को भी इस समाज के आगे-पीछे घुमने पर मजबूर होना पड़ रहा है. 

उन्होंने कहा कि वास्तव में नीतीश जी की नीतियों का लोहा आज पूरा देश मान रहा है. बिहार की देखादेखी आज सभी राज्यों में जातिगत गणना करवाने की होड़ मच चुकी है. उड़ीसा से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है, जहां अतिपिछड़ों की संख्या 45% होने की बात सामने आ रही है. छतीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में तो यह चुनावी वादा बन चुका है. वह दिन दूर नहीं जब केंद्र सरकार को भी इसे देशव्यापी स्तर पर करवाने को मजबूर होना पड़ेगा. हकीकत में नीतीश कुमार की इस पहल ने पूरे देश को अतिपिछड़ा समाज की ताकत दिखला दी है. इससे राजनीतिक दलों को समझ में आ गया है कि अब अतिपिछड़ों को बरगला कर उन पर शासन करने के दिन लद चुके हैं. अब अपनी संख्या के दम पर अतिपिछड़ा समाज खुद आगे बढ़ कर शासन की बागडोर थामने वाला है.     

केंद्र सरकार से देशव्यापी स्तर पर जातिगत गणना करवाने की मांग करते हुए जदयू महासचिव ने कहा कि बिहार के बाद ओड़िसा में अतिपिछड़ा समाज के बहुसंख्यक साबित होने के बाद यह तय है कि यदि राष्ट्रीय स्तर पर गणना करवाई जाए तो अतिपिछड़ा समाज की संख्या देश की आधी आबादी से भी अधिक हो सकती है. केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि जल्द से जल्द पूरे देश में जातिगत गणना करवाए. इससे न केवल पूरे देश भर में अतिपिछड़ों की वास्तविक स्थिति पता चलेगी बल्कि उन्हें लक्षित कर के योजनायें बनाने में भी आसानी होगी 

इस मौके पर जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डॉ धर्मेन्द्र चन्द्रवंशी ने नीतीश कुमार को अतिपिछड़ा समाज का सबसे बड़ा हितैषी बताते हुए कहा कि नीतीश जी के इतने वर्षों के कार्यकाल में सरकार ने समाज के हर तबके को केन्द्रित करके काम किये हैं. उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा समाज के युवा विशेषकर बेटियां अशिक्षा से प्रभावित थी, लेकिन नीतीश सरकार द्वारा चलाई गयी साईकिल योजना, पोशाक योजना, छात्रवृत्ति योजना आदि ने पूरी तस्वीर बदल कर रख दी. इसी तरह बाल विवाह और शराब के खिलाफ उठाये गये क़दमों का भी सर्वाधिक लाभ इसी समाज को मिला है. 

भारतीय धानुक महासंघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद व कानू विकास संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि नीतीश सरकार के कारण ही आज बिहार के हर गांव में बिजली, पानी और सड़क की सुविधा पहुंच चुकी है. जीविका के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं में स्वावलंबन की भावना जागृत हुई है. अतिपिछड़ा समाज के लोग इससे भी बड़ी संख्या में लाभान्वित हुए हैं. यह उन्हीं के किये कार्यों का प्रतिफल है कि आज बिहार की 10.98 की विकास दर, देश के विकास दर से भी अधिक है. राज्य के विकास में हुई यह बढ़ोतरी से आम बिहारवासियों के जीवनस्तर में भी सुधार हुआ है. उनकी आमदनी भी लगातार बढ़ रही है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में प्रति व्यक्ति सालाना आय 6400 बढ़कर 54,383 रुपए हो गई है. इसका सबसे अधिक लाभ अतिपिछड़ा समाज को ही मिला है. इसके अतिरिक्त सड़क, बिजली पानी की व्यवस्था में हुई सुधार ग्रामीण इलाकों में आई समृद्धि का लाभ भी इसी वर्ग को मिला है. 

बैठक में लोहार कल्याण समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा, धानुक महासंघ के संरक्षक कार्तिक प्रसाद, कानू विकास संघ के प्रधान महासचिव कृष्ण नंदन साव,  धानुक महासंघ के उपाध्यक्ष विजय कुमार राय, चन्द्रवंशी समाज के वरिष्ठ नेता सुनील चन्द्रवंशी, गजेन्द्र सिंह, अशोक चन्द्रवंशी, अजित कुमार, प्रमोद महतो, शशिभूषण, पप्पू कानू आदि उपस्थित रहें.