जातियों की हिस्सेदारी बिना सामाजिक न्याय ढकोसला: रमेश कुशवाहा
जाति जनगणना रिपोर्ट से जो आंकड़े सामने आये हैं, उसके मुताबिक जिन जातियों की संख्या अधिक है.
पटना : राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जाति जनगणना की रिपोर्ट को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसको लेकर लोगों के तरफ से सवाल खड़े किये जा रहे हैं। इसके बावजूद अगर सरकार की रिपोर्ट सही है तो जातियाें के हिसाब से उनकी सत्ता व सरकारी मशीनरी में जिम्मेदारी दी जाये। इसके बिना जदयू व राजद का सामाजिक न्याय का नारा ढकोसला है। रालोजद के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता राम पुकार सिन्हा के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की सत्ता में पिछले तीन दशक से सामाजिक न्याय की बात करनेवाली ताकतें काबिज हैं, जिनके द्वारा चंद जातियों को छोड़ अति पिछड़ों की कभी विधानसभा व संसद में हिस्सेदारी दिलाने की कोशिश नहीं की गई, लिहाजा इनके कुछ ऐसे चहेते लोग ही हमेशा जरूरत पड़ने पर विधान परिषद व राज्यसभाओं में भी भेजे गये जिनका सामाजिक न्याय के आंदोलन से कोई वास्ता नहीं रहा है।
जाति जनगणना रिपोर्ट से जो आंकड़े सामने आये हैं, उसके मुताबिक जिन जातियों की संख्या अधिक है. उसके अनुपात में ही उन्हें जिम्मदारी भी मिलनी चाहिये। अगर सरकार के तरफ से ऐसे कदम नहीं बढ़ाये जाते हैं, तो अति पिछड़ा समेत अन्य कमजोर वर्ग के लोग समय आने पर सरकार से हिसाब भी मांगेंगे व समय के साथ हिसाब चुकता भी करेंगे। सत्ता की मलाई खानेवाले लोगों को अपनी कुर्सी छोड़कर आबादी के अनुसार उन कमजोर जातियों को स्थान देना ही होगा, नहीं तो वोट के बल पर ये लोग उन्हें बेदखल करना भी जानते हैं।