Bihar News: बिहार में एक तिहाई परिवार प्रति माह छह हजार रुपये या उससे कम पर कर रहे हैं जीवन यापन

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

जातीय सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्ष दो अक्टूबर को जारी किए गए थे।

Bihar News: One third of the families in Bihar are living on six thousand rupees or less per month.

Bihar News: बिहार में एक तिहाई परिवार गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रहे हैं और वे प्रतिमाह 6000 रुपये या उससे कम कमा रहे हैं। यह बात जातीय सर्वेक्षण पर मंगलवार को विधानसभा में पेश की गई एक विस्तृत रिपोर्ट से सामने आई है . रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया गया है कि ऊंची जातियों में बहुत गरीबी है लेकिन पिछड़े वर्ग, दलितों और आदिवासियों का प्रतिशत उनसे अधिक है।

बिहार में 2.97 करोड़ परिवार में 34.13 % लोग गरीब

संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में यह रिपोर्ट पेश की जिसके अनुसार बिहार में करीब 2.97 करोड़ परिवार हैं जिनमें 94 लाख से अधिक ( 34.13 प्रतिशत) परिवार गरीब हैं। इस रिपोर्ट में एक अन्य अहम बात सामने आई है कि 50 लाख से अधिक बिहारी आजीविका या बेहतर शिक्षा अवसरों की तलाश में राज्य से बाहर रह रहे हैं । अन्य राज्यों में आजीविका कमा रहे लोग (बिहारी) करीब 46 लाख हैं जबकि 2.17 लाख लोग (बिहारी) विदेशों में हैं। अन्य राज्यों में पढ़ाई कर रहे बिहारियों की संख्या करीब 5.52 लाख है जबकि 27,000 लोग विदेशों में पढ़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि जातीय सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्ष दो अक्टूबर को जारी किए गए थे। नीतीश कुमार सरकार ने जातीय सर्वेक्षण कराने से केंद्र के इनकार करने के बाद इस सर्वेक्षण का आदेश दिया था। इस सर्वेक्षण के प्राथमिक निष्कर्ष के अनुसार, बिहार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल जनसंख्या का 60 प्रतिशत हैं जबकि ऊंची जातियां करीब 10 प्रतिशत हैं।

ऊंची जातियों में गरीबी दर 25 % से अधिक

इस रिपोर्ट के मुताबिक, ऊंची जातियों में गरीबी दर 25 प्रतिशत से अधिक है। हिंदुओं में ऊंची जातियों में संपन्न जाति संख्या की दृष्टि से मामूली कायस्थ हैं। काफी हद तक शहरी जीवन जीने वाले इस समुदाय में सिर्फ 13.83 परिवार ही गरीब हैं। गरीबी दर भूमिहारों (27.58 प्रतिशत) में आश्चर्यजनक ढंग से अधिक है। माना जाता है कि बिहार में भूमिहार ही सबसे अधिक जमीन वाली जाति है। 1990 के दशक में मंडल की लहर आने तक इसी जाति का राज्य की राजनीति पर दबदबा था। मंडल लहर ने नयी सत्ता संरचना को स्थापित किया।