Bihar Elections 2025: 65 % वोटिंग में एनडीए के 12 मंत्री डूबे, भाजपा ने नीतीश को भी किनारे लगाया!- राजीव शुक्ला

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

जब-जब इतिहास में अधिक मतदान हुआ है, वह हमेशा बदलाव का संकेत रहा है।- राजीव शुक्ला

12 NDA ministers drowned in 65% voting, BJP sidelined Nitish too! — Rajiv Shukla news in hindi

Bihar Elections 2025: बिहार में पहले चरण के मतदान के बाद कांग्रेस पार्टी ने आज स्पष्ट रूप से कहा कि जनता अब निर्णायक बदलाव के मूड में है। आज आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद  राजीव शुक्ला ने कहा कि 64 प्रतिशत से अधिक मतदान दर यह संकेत है कि जनता ने सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि जब-जब इतिहास में अधिक मतदान हुआ है, वह हमेशा बदलाव का संकेत रहा है। जनता इस बार विकास, रोजगार और ईमानदारी के पक्ष में खड़ी है। उन्होंने कहा कि “जनता ने बटन दबाया है और सत्ता की कुर्सी तक कंपन पहुंच चुकी है।”

राजीव शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस और महागठबंधन की जमीनी रिपोर्ट के अनुसार एनडीए सरकार के 15 में से 12 मंत्री अपनी सीटें हार रहे हैं, जिनमें दोनों उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि “यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, जनता की नाराज़गी का प्रमाण है। जब सत्ता के शीर्ष चेहरे अपनी सीटों पर संघर्ष करते दिखें, तो समझिए जनता ने मन बना लिया है।” शुक्ला ने कहा कि ज्यादा मतदान एनडीए के लिए सबसे घातक संकेत है, क्योंकि यह साफ दर्शाता है कि जनता अब मौजूदा व्यवस्था से ऊब चुकी है और परिवर्तन चाहती है।

भाजपा और जेडीयू के संबंधों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि “भाजपा ने नीतीश कुमार को किनारे लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। गृह मंत्री अमित शाह ने खुद कहा कि चुनाव के बाद विधायक तय करेंगे कि मुख्यमंत्री कौन होगा। इसका मतलब है कि भाजपा ने पहले ही नीतीश जी को दरकिनार करने का मन बना लिया है।” शुक्ला ने व्यंग्य किया कि भाजपा की यह पुरानी आदत है — “कंधे पर चढ़कर सत्ता में आना और फिर उसी कंधे को गिरा देना।” उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, मणिपुर और झारखंड की तरह अब वही कहानी बिहार में दोहराई जा रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार झूठे वादों और खोखले भाषणों की सरकार बनकर रह गई है। “उन्होंने कहा था कि 2022 तक हर घर पक्का होगा, कोई झोपड़ी नहीं रहेगी, लेकिन आज भी गांवों में कच्चे मकान और टूटी झोपड़ियां दिखती हैं। उन्होंने कहा था हर साल दो करोड़ नौकरियां देंगे — अब तक 22 करोड़ नौकरियां मिल जानी चाहिए थीं, पर 22 लाख भी नहीं मिलीं। उन्होंने भ्रष्टाचार-मुक्त भारत की बात की, पर आज भ्रष्टाचार अपने चरम पर है — और यह बात भाजपा के अपने पूर्व मंत्री आर.के. सिंह कह रहे हैं।”

राजीव शुक्ला ने कहा कि भाजपा का पूरा शासन झूठ के महल पर खड़ा है। “उन्होंने कहा था पेट्रोल 50 रुपये में मिलेगा, डीज़ल 30 रुपये में, पर आज पेट्रोल 110 रुपये और डीज़ल 100 रुपये के पार है। डॉलर 90 के करीब है और वे चुप हैं। जब मनमोहन सिंह के समय डॉलर 40 पार गया था, तब भाजपा कहती थी कि यह देश का अपमान है। अब अपमान नहीं, उपलब्धि बन गया है।” उन्होंने तंज कसा कि भाजपा अब त्योहारों को भी चुनाव की तरह इस्तेमाल करने लगी है — “दिल्ली में छठ मना रहे थे, जहां कभी मनाया ही नहीं गया। पिछले साल छठ नहीं मनाया, न उससे पहले, लेकिन इस बार चुनाव हैं, तो छठ का मंच बना लिया।”

शुक्ला ने कहा कि भाजपा चुनाव के वक्त हर बार जनता को छलती है। “महिलाओं को 10,000 रुपये का दिवाली उपहार दिया गया, लेकिन पिछले साल या उससे पहले किसी को कुछ नहीं मिला। यह इनकी शैली है — चुनाव से पहले वादे, चुनाव के बाद वादाखिलाफी।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं जो सिर्फ बोलती है, कांग्रेस करती है। “हमने कर्नाटक में कहा था कि महिलाओं को ₹2000 हर महीने देंगे — दिया। किसानों का कर्ज माफ किया। तेलंगाना में कहा था कि रोजगार देंगे — दिया। राजस्थान में मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और 500 यूनिट मुफ्त बिजली दी। हमने जो कहा, वह किया।”

उन्होंने कहा कि बिहार में भी महागठबंधन ने जनता के लिए ठोस और व्यावहारिक संकल्प पत्र तैयार किया है। “हर परिवार में एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा, महिलाओं को ₹5000 प्रतिमाह सहायता मिलेगी, 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी, और ₹5 लाख की मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा हर परिवार को उपलब्ध कराई जाएगी। यह सिर्फ घोषणाएं नहीं, हमारी जवाबदेही है।” उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और कांग्रेस का संकल्प साझा है — “महिलाओं का सशक्तिकरण, युवाओं को रोजगार और बिहार को गरिमा के साथ विकास की राह पर लाना।”

राजीव शुक्ला ने कहा कि वे योजना आयोग में मंत्री रह चुके हैं और उन्हें भलीभांति पता है कि रोजगार सृजन के कितने अवसर देश में उपलब्ध हैं। “64 से अधिक फ्लैगशिप योजनाओं में रोजगार की संभावना है। मनरेगा का उदाहरण सबके सामने है — जब हमने इसे लागू किया, भाजपा ने कहा था कि संभव नहीं, लेकिन हमने साबित किया कि गांव-गांव में रोजगार पहुंचाया जा सकता है। आज वही भाजपा उस योजना का श्रेय लेने की कोशिश करती है।” उन्होंने कहा कि भाजपा की नीयत में खोट है, इसलिए वे रोजगार घटा रहे हैं, पद समाप्त कर रहे हैं और युवाओं को अग्निवीर जैसी अस्थायी नौकरियों में धकेल रहे हैं।

उन्होंने भाजपा के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि “हर चुनाव में भाजपा हवा बनाती है — बंगाल में कहा 210 सीटें आएंगी, 70 मिलीं। हिमाचल में कहा था कांग्रेस खत्म हो चुकी है, वहां कांग्रेस ने सरकार बनाई। बिहार में भी भाजपा का गुब्बारा फूटने वाला है।” उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ भ्रम और प्रचार की राजनीति करती है। “उनकी हर बात हवा में है — इतिहास बदलने की बात करते हैं, पर वर्तमान में जवाब देने से डरते हैं। 20 साल सत्ता में रहे, लेकिन जनता को जवाब नहीं देते कि किया क्या?”

राजीव शुक्ला ने कहा कि भाजपा 20 साल से ‘जंगलराज’ का भय दिखाकर बिहार पर राज कर रही है, पर अब जो स्थिति है, वह उस पुराने समय से भी ज्यादा भयावह है। “आज रोज हत्या, अपहरण, लूट और अराजकता है। व्यापारी असुरक्षित हैं, किसान परेशान हैं, युवा बेरोजगार हैं। यह ‘अखंड जंगलराज’ भाजपा-जदयू की देन है।” उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब तय कर चुकी है कि इस सत्ता को बदलना है। “20 साल आपने इन्हें झेला, अब महागठबंधन को मौका दीजिए। अगर हम बेहतर नहीं करें, तो 5 साल बाद हमें भी बदल दीजिए, लेकिन एक मौका दीजिए।”

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए शुक्ला ने कहा कि आयोग की भूमिका अब संदेह के घेरे में है। “अगर किसी नागरिक को भी चुनाव प्रक्रिया पर संदेह है, तो चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि वह उस संदेह को दूर करे। लेकिन आज भाजपा के प्रवक्ता आयोग की ओर से जवाब दे रहे हैं — यह लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है।” उन्होंने कहा कि 2020 में जो सीटें दबाव डालकर हराई गई थीं, वैसी कोशिशें दोबारा न हों, इसके लिए जनता और मीडिया को सतर्क रहना होगा।

राजीव शुक्ला ने मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि “अब वक्त है कि पत्रकारिता सत्ता के डर से नहीं, जनता के भरोसे से चले। छोटे-छोटे पत्रकार भी अब सच्चाई को सामने ला रहे हैं — यही असली ताकत है।” उन्होंने अंत में कहा कि “यह सिर्फ एक चुनाव नहीं, बिहार के भविष्य की लड़ाई है। जनता ने जो बटन दबाया है, वह सिर्फ EVM नहीं, एक नए बिहार का स्विच है।” उन्होंने विश्वास जताया कि महागठबंधन को इस बार भारी जनसमर्थन मिलेगा और बिहार में एक नई, ईमानदार, पारदर्शी और जवाबदेह सरकार बनेगी।

संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे,  मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़, चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर संजीव सिंह मौजूद थे।

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