प्रशांत किशोर तेजस्वी पर हमला: तेजस्वी यादव को जानकारी नहीं है कि रोज़गार दिए कैसे जाते हैं

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

प्रशांत किशोर ने पदयात्रा शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अबतक पदयात्रा के माध्यम से वे लगभग 720 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं।

Attack on Prashant Kishor Tejashwi: Tejashwi Yadav does not know how jobs are given:

पूर्वी चंपारण,(संवाददाता): जन सुराज पदयात्रा के 67वें दिन प्रशांत किशोर पूर्वी चंपारण के चिरैया कोठी गांव में मीडिया से बात की। प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा आज, मीरपुर के चिरैया कोठी गांव से चलकर खड़तरी पूर्वी, मधुबनी, राघोपुर, से होते हुए बड़ा जयराम फील्ड में रात्रि विश्राम के लिए पहुंचेगी। प्रशांत किशोर ने पदयात्रा शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के माध्यम से बताया कि अबतक पदयात्रा के माध्यम से वे लगभग 720 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं। इसमें 500 किमी से अधिक पश्चिम चंपारण में पदयात्रा हुई और पूर्वी चंपारण में अबतक डेढ़ 100 किमी से अधिक पैदल चल चुके हैं।

इस दौरान जमीन पर हुए अनुभवों और समस्यायों पर बात करते हुए उन्होंने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी। नीतीश कुमार के 10 लाख नौकरी वाली बात पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में नई सरकार को बने 4 महीने हो गए। अब तक 10 हजार लोगों को नौकरी मिली है, अगले 8 महीने में 9 लाख 90 हज़ार नौकरियां कहां से देंगे उसे आप भी देख रहे हैं मैं भी देख रहा हूं। तेजस्वी यादव को इस बात का आइडिया भी नहीं है कि इतनी नौकरीयां कहाँ से लेकर आएंगे? किसी सलाहकार ने लिख दिया उसी बात को दोहरा रहे हैं। तेजस्वी को जानकारी नहीं होगी कि 10 लाख नौकरी देने की प्रक्रिया क्या है? उसके लिए बजट के प्रावधान क्या होंगे? इसे किया कैसे जाएगा? बस जनता को बरगलाने के लिए कुछ भी बोल देतें हैं ताकि उन्हें वोट मिलता रहे। बिहार के लोगो ने भी सरकारी विद्यालयों को खिचड़ी बांटने का सेंटर और सरकार की सुविधाओं का केंद्र बना लिया है, यहां फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे भवन, शिक्षक और बच्चे इनका कोई समायोजन नहीं है। इसी वजह से बिहार में पढ़ाई पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।

आगे उन्होने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाना यह केवल शिक्षकों की जिम्मेदारी नहीं है, यह बड़े स्तर पर प्रशासक और शासकों की शिक्षा को लेकर कोई सोच ना होने का परिणाम है। नीतीश कुमार के एक पढ़े-लिखे व्यक्ति होने के बाद भी शिक्षा में अब तक कोई बदलाव ना आना यह उनके कार्यकाल का एक काला अध्याय है।

प्रशांत किशोर ने शिक्षकों के वेतन के मुद्दे पर बोलते हुए कहा, "आरजेडी जिसने 15 साल बिहार में शासन किया और बिहार को गर्त में लेकर चले गए। वो विकास की बात कर रहे हैं, उसको मैं गम्भीरता से कैसे ले सकता हूं। नीतीश कुमार ने झूठा वादा किया कि वो 10 लाख लोगों को नौकरी देंगे। मौजूदा शिक्षको की सैलरी रोक देगी बिहार सरकार अगर केंद्र ने पैसा देना बंद कर दिया। सांख्यिकी वाले सवा लाख लड़के, उनको हटा दिया गया है, टेक्नोलॉजी वाले लड़के को हटा दिया गया है और ना जाने कितने हटाए गए हैं।

तो ऐसे में मैं उनपर कैसे यकीन कर लूं? अपने जीवन का सब कुछ छोड़ कर समाज में जीवन बिता रहा हूँ, ताकि जमीनी हकीकत को बारीकियों से समझ सकूं और उसका खाका तैयार कर सकूँ।"