लोहार जाति 1950 से संविधान के अनुसूची में जनजाति के श्रेणी में है इससे छेड़-छाड़ करना गलत: सत्यानंद शर्मा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

यह गम्भीर मामला है। ऐसे तथ्यों को प्राथमिकता के आधार पर प्रधानमंत्री को सुधारना चाहिए।

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पटना: लोक जनशक्ति पार्टी-(रामविलास) के राष्ट्रीय महासचिव सत्यानंद शर्मा ने आज पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि भारत सरकार के जिन पदाधिकारियों ने लोहार जाति का अंग्रेजी लिपि LOHARA को हिन्दी में लोहारा पढ़ा उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच गृह मंत्रालय और समान्य प्रशासनिक मंत्रालय द्वारा कराकर सेवा से बर्खास्त करें। लोहार जाति ऐतिहासिक जाति है। भारत के राष्ट्रीय संग्रहालय में लोहार डेनसिटी का साक्ष्य है, जिसमें अंग्रेजी के LOHARA को हिन्दी में लोहार लिखा है, इसे कोई गलत नही साबित कर सकता है। इन सभी तथ्यों के वावजूद भारत सरकार के कुछ अज्ञानी पदाधिकारियों ने अंग्रेजी के LOHARA एक साजिश के तहत हिन्दी में लोहरा पढ़ा जिससे बिहार के 67 लाख लोहारों को आदिवासी की सुविधा से यह कहकर वंचित कर दिया गया कि बिहार में लोहार नही लोहारा जाति जनजाति है।

 आगे शर्मा ने कहा कि ऐसे पदाधिकारियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम अंग्रेजी में NARENDRA MODI का हिन्दी में उच्चारण करने का जिम्मा भारत सरकार देगी, तो ये लोग प्रधानमंत्री पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह खड़ा कर देगा, बोलेगा की मां प्रधानमंत्री का नाम नारेन्द्र मोदी नही नारेन्द्रा मोदी है। देश का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नही नारेन्द्रा मोदी है। यह गम्भीर मामला है। ऐसे तथ्यों को प्राथमिकता के आधार पर मा. प्रधानमंत्री को सुधारना चाहिए।

लोहार जाति 1950 से संविधान के अनुसूची में जनजाति के श्रेणी में है,इससे छेड़-छाड़ करना संविधान के मूल भावना के विरुद्ध है। संवाददाता सम्मेलन में युवा लोजपा-(रा) के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार पासवान,पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुंदन पासवान,पटना महानगर उपाध्यक्ष मनीष कुमार वर्मा,कार्यालय प्रभारी ओम प्रकाश भारती, छात्र नेता शाहिल पासवान, सुरेश पासवान मौजूद थे।