शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों के साथ छलाबा: विजय कुमार सिन्हा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

 सिन्हा ने कहा कि सरकार ने चालु वित्तीय वर्ष  के बजट में नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों के वेतन का प्राबधान नहीं किया है।

Vijay Kumar Sinha

पटना : विहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिहार राज्य अध्यापक नियमावली 2023 पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों औऱ नियोजित शिक्षकों के साथ छलाबा है।

सिन्हा ने कहा कि नियमावली अधिसूचित करने से पूर्व इसे राज्य में लोकमत जानने हेतु परिचारित कराया जाना चाहिए था। लेकिन सरकार ने विधानसभा सत्र समाप्त होने के 5 दिन वाद इसे आनन फानन में लागू कर दर्शा दिया है कि सरकार को किसी की चिंता नहीं है।मामले को लटकाने के लिये नियमावली में ऐसे प्राबधान किए हैं जिसमें न तो बहाली हेतु आयोग तय किया गया है न ही अभ्यर्थियों की उच्चतम आयुसीमा तय की गई है।ये सभी कार्य भविष्य के लिए छोड़े गये हैं।

 सिन्हा ने कहा कि नियमावली के नियम19 द्वारा वर्ष 2006,2012 एवं 2020 में बिभिन्न कोटि के शिक्षक नियुक्ति नियमावली को संसीमित कर दिया गया है और कहा गया है कि नियमावली2023 के अन्य प्राबधान के तहत वे कोई दावा नहीं कर सकेंगे।

 सिन्हा ने कहा कि नियमावली में 5 प्रकार के विद्यालयों को परिभाषित किया गया है जिसमें दो क्रमशः प्राथमिक विद्यालय एवम प्रारंभिक विद्यालय की अबधारणा भ्रामक है।प्राथमिक विद्यालय में कक्षा1 से 5 है तो वहीं प्रारंभिक विद्यालय में कक्षा1 से 5 के अलावा कक्षा1 से 8 अथवा 6 से 8 तक पढ़ाई की बात की गई है जो मध्य विद्यालय की परिभाषा में भी मौजूद है।इसके कारण शिक्षकों की कोटि और छात्रों की वर्गवार संख्या की अनिश्चितता बनी रहेगी।

 सिन्हा ने कहा कि सरकार ने चालु वित्तीय वर्ष  के बजट में नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों के वेतन का प्राबधान नहीं किया है। सम्पूर्ण वेतन मद में इस वर्ष 30000 करोड़ रुपये का प्राबधान किया गया है जो पिछले वर्ष से मात्र 4000 करोड़ रुपये अधिक है।यह राशि कर्मियों के बढ़े हुए मंहगाई भत्ता औऱ बकाया वेतन मद में भुगतान की व्यवस्था है।

 सिन्हा ने सरकार से मांग की है कि नियमावली को वापस लेते हुए इसपर विस्तृत विचार विमर्श किया जाए। इसमें पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों और नियोजित शिक्षकों की सीधी भर्ती की व्यवस्था की जाय औऱ भबिष्य में होने वाली शिक्षक नियुक्ति के लिये नयी व्यवस्था लागू हो।