राज्य में कम से कम तीन डिप्टी सीएम हों : पप्पू यादव
जाति आधारित जनगणना के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमर से राज्य में कम से कम तीन डिप्टी सीएम बनाने की मांग की।
पटना : जन अधिकार पार्टी (लो.) के सुप्रीमो पप्पू यादव ने देश और बिहार में धर्म और जाति के नाम पर चल रही राजनीति पर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है। बुधवार को पटना के मंदिरी स्थित आवास में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के विकास के लिए उनका नजरिया साफ है। सबको साथ लेकर चलना है। उन्हें धर्म और जाति की राजनीति नहीं करनी। वे शुरू से आम लोगों के साथ गरीब व दलित के हक और अधिकार के लिये लड़ते आए हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे। हर जरूरतमंद का हर कदम पर साथ देंगे। जाति आधारित जनगणना के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमर से राज्य में कम से कम तीन डिप्टी सीएम बनाने की मांग की।
अत्यंत पिछड़ी, माइनॉरिटी और उच्च समाज का हो डिप्टी सीएम
जाप सुप्रीमो ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि प्रदेश में हर समाज का एक प्रतिनिधि होना चाहिए, जो उच्च स्तर पर उनकी बातों और अधिकारों की लड़ाई लड़ सके और उन्हें उनका हक दिलाए। बिहार में जातीय जनगणना के बाद साफ है कि यहां अत्यंत पिछड़ी, उच्च और माइनॉरिटी समाज से एक डिप्टी सीएम होना ही चाहिए। कहा कि सूबे में जो भी जातिय जनगणना से परिणाम निकल कर आए हैं, इसका लाभ तब तक नहीं मिलेगा जब तक की इन सभी समाज से उनका कोई एक प्रतिनिधि निकालकर बड़े पद तक न जाए।
विवाद और राजनीति बंद हो, राजनीति हिस्सेदारी बढ़े
पप्पू यादव ने कहा कि प्रदेश में जो जाति जनगणना हुई है वह सही है। इस पर विवाद और राजनीति अब बंद होनी चाहिए। प्रदेश में अकेले यादव समाज के हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। इसी प्रकार अन्य समाज भी आते हैं। अब जरूरी है कि राग-द्वेष को छोड़कर इस जनगणना के आधार पर सरकार उन सभी समाज की राजनीतिक हिस्सेदारी भी बढ़ाए। सरकार अगर सभी समाज का विकास चाहती है तो सभी समाज के लोगों की भागीदारी राजनीतिक स्तर पर होनी जरूरी है। इसके लिए सरकार जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाए और उनकी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करे।
बिहार से यूपी तक जाति में बांटने का काम चल रहा
जाप अध्यक्ष ने कहा कि देश में आज एक अलग हवा चल रही है। अपनी राजनीति सेकने के लिए भाजपा जैसे बड़े दल जाति कार्ड खेल रहे हैं। ब्राह्मण, ठाकुर और यादव के नाम पर लोगों को बांटने का काम किया जा रहा है। इसका मकसद केवल और केवल कुछ राजनीतिक लाभ लेना है। देश के साथ-साथ बिहार के नेता भी अपनी राजनीतिक लाभ के लिए लोकतंत्र को ताक पर रख दे रहे हैं। जातीय जनगणना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है, यह समाज और राज्य के विकास के लिए जरूरी है। लेकिन नेता इसमें अपना राजनीतिक लाभ देखकर इसे अपने अनुसार खेल का रंग दे रहे हैं। पप्पू यादव ने कहा कि लोकतंत्र, राजनीति और समाज के लिए यह बेहद खतरनाक है। इससे युवा और आम लोगों में गलत संदेश जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि जाति के नाम पर खेल करने वालों पर कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई हो।
देश के विकास में सबका योगदान महत्वपूर्ण
पप्पू यादव ने कहा कि इतिहास और हमारे पुराण इसके साक्षी रहे हैं कि देश और समाज के विकास में हरेक वर्ग और समुदाय ने अपना योगदान दिया है। चाहे आजादी की लड़ाई हो यह अधर्म के खिलाफ लड़ाई। सभी के समग्र सहयोग से ही हम आगे बढ़ते आए हैं। इसे कैसे भूल सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपने अधिकार और विचार पर चलने और बोलने का सभी को हक है। देश का संविधान उन्हें यह ताकत और शक्ति देता है। इसे उनसे कोई छीन नहीं सकता। राजनीति करने वाले को यह समझना चाहिए। वंचित, गरीब या अमीर जो भी वर्ग हो सभी वर्ग के लोगों को समान अधिकार हमारा संविधान देता है। किसी के कहने या गालि-गलोज करने से उनका हक नहीं छीना जा सकता।
हमारी पार्टी हर समाज के साथ खड़ी है
पप्पू यादव ने कहा कि हमारी पार्टी हर समाज के सुख-दुख में साथ खड़ी रहती है। उनकी पार्टी आरक्षण में 66% के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वर्गों से उन्हें समर्थन मिल रहा है। वे उनकी आवाज बनने का काम कर रहे हैं। ममता, आशा, आंगनबाड़ी, मुखिया और सरपंच की लड़ाई में वे उनके साथ खड़े हैं। जब तक उन्हें उनका हक और अधिकार नहीं मिल जाता उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि जो अधिकार देने का कार्य राजीव गांधी और इंदिरा गांधी ने ग्राम स्तर से शुरू किया था उसे खत्म करना एक बड़ी भूल होगी। समाज और राष्ट्र के विकास के लिए ग्राम सभा को जिंदा रखना जरूरी है। प्रेस वार्ता में जाप प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचंद सिंह, राष्ट्रीय महासचिव राजेश पप्पू, मौजूद थे।