एपी पाठक के निवेदन पर त्रिवेणी उपवितरणी नहर का हुआ सर्वेक्षण और जांच

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

अधिकारियों ने बाबु धाम ट्रस्ट ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष, सचिव और ग्रामीणों को अधतन स्थिति से अवगत कराया।

Survey and investigation of Triveni sub-distributary canal done on the request of AP Pathak

बेतिया, (संवाददाता ) : बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक, पूर्व नौकरशाह भारत सरकार और भाजपा नेता एपी पाठक अपने मातृभूमि चंपारण दौरे पर है जहां वे लगातार जनता के बीच जाके उनकी समस्या समाधान कर रहे है और मोदी की विकासपरक और भाजपा की नीतियों का प्रचार प्रसार कर रहें है। इसी कड़ी में त्रिवेणी कैनाल उपवितरणी से निकला नहर जो डैनमरवा, महुई, बड़गो, जोगिया होते हुए तेलपुर तक जाती है जिससे हजारों एकड़ खेती की सिंचाई होती है परंतु कुछ सालों से पानी नहीं आ रहा है जिससे किसानों की खेती प्रभावित हो रही हैं , सिंचाई नहीं हो पा रही हैं जिससे पैदावार कम हो रही हैं।

नहर के किनारे बसे उक्त ग्रामीणों, सैकड़ों किसानों ने एपी पाठक जी से नहर में सुचारू रूप से पानी की परिचालन हेतु निवेदन किया जिसपर एपी पाठक ने विभाग के प्रधान सचिव और मुख्य अभियंता से बात कर उसका तत्काल समाधान हेतु निवेदन किया जिसके कारण विभाग से जेई अनिल कुमार भट्ट और अन्य अधिकारी ,कर्मचारी पाठक के गांव बड़गो जाकर नहर का सर्वेक्षण और जांच किया और उन्होंने बताया कि त्रिवेणी उपवितरणी आरडी न 9 से 25 डैनमरवा से महूई आवंटन प्राप्त होने पर खुदाई, चौड़ीकरण और सफाई का कार्य शुरू किया जाएगा और आरडी न 26 से 34 जो तेलपूर तक है उसका कार्य मनरेगा द्वारा होना सुनिश्चित है।

अधिकारियों ने बाबु धाम ट्रस्ट ग्राम सेवा समिति के अध्यक्ष, सचिव और ग्रामीणों को अधतन स्थिति से अवगत कराया। उक्त अधिकारियों के कथन पर एपी पाठक ने विभाग से पुनः बात कर जल्द से जल्द आवंटन जारी करने का निवेदन किया और साथ ही मनरेगा हेतु डीडीसी से निवेदन किया। आपको बताते चले कि एपी पाठक जी अपने बाबु धाम ट्रस्ट के माध्यम से लगातार किसानों की समस्याओं का समाधान करते आए है ।किसानों के सम्यक विकास कार्यक्रम हो ,उनके लिए डीजल अनुदान, खाद बीज और नाबार्ड द्वारा पुल पुलिया, सैफन,नाली और पटवन हेतु लगातार काम करते रहे है ताकि चंपारण के किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हो साथ ही चंपारण के गन्ना किसानों की बकाया गन्ना भुगतान और घटतौली हेतु लगातार आवाज उठाते रहे है और मिल प्रबंधन पर दबाव बनाते रहे हैं।