मेरी महत्वाकांक्षा है कि बिहार देश के सबसे विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो : प्रशांत किशोर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

प्रशांत किशोर ने भ्रष्टाचार के सवाल का जबाव देते हुए कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी है समाज के स्तर पर सही लोगों का चुनाव।

My ambition is that Bihar should be included in the category of most developed states of the country: Prashant Kishor

सारण : जन सुराज पदयात्रा के 165वें दिन की शुरुआत मांझी के बरेजा पंचायत स्थित उसरैना मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। उसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय मीडिया से संवाद किया। मीडिया संवाद के दौरान उन्होंने अपने पदयात्रा का अनुभव साझा किया। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ बरेजा पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले।

आज जन सुराज पदयात्रा मदनसांठ , बंगरा, मरहान, सोनबरसा, खैरवार, होते हुए जलालपुर प्रखंड अंतर्गत कोपा नगर पंचायत के गांधी स्मारक हाई स्कूल में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सारण में आज तीसरा दिन है। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 3 आमसभाओं को संबोधित किया और 6 पंचायत के 16 गांवों से गुजरते हुए 16.5 किमी की पदयात्रा तय की।

जन सुराज पदयात्रा के दौरान मांझी प्रखंड में मीडिया संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने लालू परिवार पर भ्रष्टचार मामले में हो रही कार्रवाई के मामले में नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार खुश हैं या नहीं ये बात नीतीश कुमार से ज्यादा कौन जान सकता है। लालू यादव और उनके परिवार पर जो छापा पड़ा है, उस पर नीतीश कुमार ना तो पक्ष में बोल रहे हैं और ना ही विपक्ष में। नीतीश कुमार को साफ तौर पर कहना चाहिए कि लालू यादव हमारे सहयोगी हैं और इन पर भ्रष्टाचार के सारे आरोप गलत हैं।

अगर वो इस बात को नहीं कह रहे हैं तो आप समझ लीजिए वो क्या कहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को मालूम है कि 2025 में उनकी सरकार नहीं बनेगी और ना ही वो मुख्यमंत्री बन पाएंगे। इसलिए वो चाहते हैं कि बिहार को ऐसी सरकार मिले जो उनसे भी खराब काम करे। जिससे लोग यह कह सके कि नीतीश कुमार की सरकर कितनी भी खराब हो, लेकिन इससे तो अच्छी ही थी। प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं नीतीश कुमार को बहुत भीतर से जानता हूं कि वो क्या सोचते हैं। अगर नीतीश कुमार में दम है तो वो बोलकर दिखा दें कि लालू यादव, तेजस्वी और उनके परिवार के लोग भ्रष्टचार में शामिल नहीं हैं, और उनके साथ राजनीतिक षड्यंत्र रचा जा रहा है।

प्रशांत किशोर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जन सुराज पदयात्रा के पीछे मेरी महत्वाकांक्षा है कि मैं बिहार में पैदा हुआ हूं और बिहार की मिट्टी का कर्ज मेरे ऊपर है। ये बात किसी से छिपा नहीं है कि जब हम बिहार से बाहर देश के दूसरे राज्यों में जाते हैं तो लोग हमको बिहारी कहकर हमारा मजाक उड़ाते हैं। हम लोगों को गंवार कहकर जलील किया जाता है। मेरी महत्वाकांक्षा ये है कि अपने जीवन काल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करा सके और बिहारियों को राज्य के बाहर जाने पर जलील नहीं होना पड़े।

प्रशांत किशोर ने भ्रष्टाचार के सवाल का जबाव देते हुए कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सबसे जरूरी है समाज के स्तर पर सही लोगों का चुनाव। यदि आप 500 रुपये लेकर मुखिया चुनते हैं और फिर आप ये सोचते हैं कि वो आपका काम बिना कमीशन के करवा देगा तो ये मुमकिन नहीं है। दूसरा जनभागीदारी, बिहार के लोगों को पता ही नहीं है की उनके अधिकार क्या है जैसे कौन सी योजना है? मुखिया जी को कितना पैसा आया? प्रमुख के क्या कार्य है? और वार्ड सदस्य की क्या सीमा है? उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को इन बातों की जानकारी है, लेकिन उनकी इसे सुधारने में कोई भूमिका नहीं है।

इंदिरा आवास योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किस को मकान मिलना चाहिए, बिहार में इसकी व्यवस्था 2001 तक थी। ग्राम सभा में सब लोग मिलकर ये तय करें कि किसको इसका लाभ मिलना चाहिए। लेकिन ग्राम सभा की व्यवस्था को खत्म करके उसकी जगह 4 अफसर लगा दिए हैं जो स्वभाविक तौर पर कमीशन ले रहे हैं। तीसरा है संसाधन और सत्ता का विकेन्द्रीकरण। आज के समय में बिहार में हर फैसला मुख्यमंत्री और उनके इर्द-गिर्द बैठे तीन-चार मंत्री और अफसर ही ले रहे हैं। पूरे बिहार में किस जगह किस व्यवस्था की जरूरत है, वो मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे चार अफसर तय कर रहें हैं तो सुधार कैसे होगा?