2024 के चुनाव के बाद कुर्सी से हटाए जाने के डर से नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ा: प्रशांत किशोर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

जन सुराज पदयात्रा के दौरान नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार मार्च 2022 में मुझसे दिल्ली में मिले थे और उनसे लंबी बातचीत हुई थी।

Nitish Kumar left BJP due to fear of being removed from the chair after 2024 elections: Prashant Kishor

Patna : जन सुराज पदयात्रा के 107वें दिन की शुरुआत गोपालगंज के सिधवलिया प्रखंड अंतर्गत काशी टेंगराही पंचायत स्थित बुनियादी विद्यालय में सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ काशी टेंगराही गांव से पदयात्रा के लिए निकले। पदयात्रा पर निकलने से पहले प्रशांत किशोर ने गोपालगंज के मीडिया साथियों से संवाद किया। आज जन सुराज पदयात्रा गोपालगंज के परसौनी, बासधाट मसुरिया, उसरी, बन्धौली बनौरा, चिउटहां, दिधवा दुबौली, सिरसा मानपुर पंचायत होते हुए बैकुण्ठपुर प्रखंड में प्रवेश कर खैरा आज़म पंचायत के रैवती हाई स्कूल में रात्री विश्राम के लिए पहुंचेगी। प्रशांत किशोर गोपालगंज में 17 से 18 दिन रुकेंगे और इस दौरान वे जिले के अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जाएंगे।

जन सुराज पदयात्रा शिविर में मीडिया से संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के हर पंचायत के विकास के लिए अगले 10 वर्षों की योजना बनाई जा रही है। बिहार के समग्र विकास के साथ हर पंचायत के विकास की योजना एक साथ बनाई जा रही है। जब पदयात्रा खत्म होगी उस समय बिहार के समग्र विकास के ले दो अलग-अलग ब्लू प्रिंट विषयवार जारी किया जाएगा। पदयात्रा जब खत्म होगी उस वक़्त हर पंचायत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कैसी व्यवस्था बनाई गई है आप बिहार के लोग देख पाएंगे। इसके साथ ही रोजगार, स्वास्थ सुविधा जैसे महतवपूर्ण चीजों पर नए अवसर कैसे पैदा किए जाए उसे आप देख पाएंगे। मैं दूसरे नेताओं की तरह चुनावी घोषणा नहीं करूंगा, बल्कि उसका पूरा खाका आप सभी के समक्ष रखा जाएगा।

जन सुराज पदयात्रा के दौरान नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार मार्च 2022 में मुझसे दिल्ली में मिले थे और उनसे लंबी बातचीत हुई थी। नीतीश कुमार महागठबंधन में इसलिए शामिल हुए हैं क्योंकि उन्हें कहीं न कहीं डर और विश्वास दोनों था कि 2024 में लोकसभा का चुनाव हो जाएगा और भाजपा जीत कर आएगी। इसके बाद अगर भाजपा जीत कर आती है तो दिल्ली में शपथ लेने के बाद सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री को बदलेगी। क्योंकि अगला चुनाव बीजेपी नीतीश कुमार के नेतृत्व में नहीं लड़ती।

इसी डर के कारण नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले गए। उन्हें RJD से कोई प्रेम नहीं है और ये भी नहीं है की RJD नीतीश कुमार को जानती नहीं है। जहां तक भाजपा का सवाल है तो नीतीश कुमार हर मायने में दिल्ली में बीजेपी के साथ है। नीतीश कुमार का भाजपा में जाने का रास्ता खुला रहे इस कारण से नीतीश कुमार ने हरिवंश नारायण को राज्यसभा का उपसभापति बना कर एक खिड़की खोल रखी है। RJD और JDU पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इन दोनों पार्टियों का जन्म ही एक दूसरे का विरोध करने के लिए हुआ है। विचारधारा के आधार पर, व्यवहार के आधार पर, कार्यक्रमों के आधार पर इनके विचारों का न मिलना स्वभाविक है।

सवाल यह होना चाहिए की इतने विरोधाभास के बावजूद ये दोनों दल कितने दिन तक साथ में बने रहते हैं? 2015 से मुझे पता है कि इनके बीच कितनी खींचतान और परेशानियां हैं। इनके नेता कहते रहेंगे की हम भाई-भाई हैं। हमारे बीच कोई गिले-शिकवे नहीं है। पर ये वही भाई-भाई है जो गले भी मिलते हैं और पेट और पीठ में छुरा भी घोपते हैं। जिस दिन यह मौजूदा महागठबंधन बना था, मैंने उस दिन कहा था कि अगला विधानसभा चुनाव आज की गठबंधन व्यवस्था में नहीं होगा। 7 दलों के महागठबंधन के साथ सरकार चलाना अलग बात है और 7 दलों के महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ना अलग बात है। चुनाव से पहले इनका अलग होना तय है।