कुशवाहा का BJP पर पलटवार, कहा - 'विपक्ष को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं'
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष जिस प्रकार का नंगा नाच सदन के अंदर कर रहा है उससे स्पष्ट है कि उनका विश्वास लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर नहीं है।
Patna : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि विपक्ष जिस प्रकार का नंगा नाच सदन के अंदर कर रहा है उससे स्पष्ट है कि उनका विश्वास लोकतान्त्रिक व्यवस्था पर नहीं है। जनता के मुद्दों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है, अगर होता तो इस शीतकालीन सत्र को बर्बाद करने की बजाए इसका उपयोग जनता के हित में करते . जनता के सवाल सदन में उठाते और उनके समाधान के लिए सार्थक प्रयास में सहभागी बनते। विपक्ष ने लोक और तंत्र दोनों की गरिमा और मर्यादा को तार- तार करने का काम किया है .
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष राज्य में अराजकता का माहौल बनाने में लगा हुआ है क्योंकि उनके पास न तो कोई विजन है और न ही कोई चेहरा। हमारे माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की नीतियों और उनके विजन का जवाब देने के लिए भाजपा के पास कोई एजेंडा, नीति या सोच है ही नहीं तो वो लोग बौखलाहट में हमारे सर्वमान्य नेता माननीय मुख्यमंत्री जी एवं युवा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बारे में अनाप- शनाप बयान दे रहे हैंl नीतीश कुमार जी ने सभी जाति, वर्ग, धर्म, संप्रदाय और लिंग के लिए काम किया है, जिसे पूराय देश और दुनिया देख रही है.
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर सवाल उठाने के पूर्व गुजरात माडल का ढिंढोरा पीटने वाले भाजपा को अपने गिरेबा में झांक कर देखना चाहिए। गुजरात जहरीली शराब से होने वाली मौतों के मामले में शीर्ष राज्यों में आता है। एनसीआरबी के अनुसार जहरीली शराब से पिछले 6 वर्षों में गुजरात में 54 लोगों की मौत हुयी है, जबकि बिहार में इसी कालावधी में मात्र 23 मौतें हुईं। भाजपा के लोगों का एकमात्र काम झूठ और नफरत फैलाना है। कुछ ही माह पूर्व भाजपा के एक मंत्री के रिश्तेदारों के घर से शराव मिली और तब भाजपा नेताओं के मुंह से कोई आवाज नहीं निकाल रही थी चुप थी। भाजपा का असली चेहरा उस घटना से स्पष्ट होता है, लगता है पूरे बिहार में भाजपा के लोग ही शराब के धंधे में लिप्त हैं।
उमेश कुशवाहा ने कहा कि 2016 से बिहार में लागू शराबबंदी के बाद के आंकड़ों पर गौर करें तो बिहार में जहरीली शराब पीने से हुयी 23 मौतों की तुलना में भाजपा शाषीत मध्यप्रदेश में 1032 और कर्नाटक में 1013 मौतें हुयी हैं। पंजाब में 852, छत्तीसगढ़ में 535 और हरियाणा में 489 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुयी। लंबे समय से शराबबंदी लागू भाजपा के माडल प्रदेश गुजरात में 2016 व 2017 में जहरीली शराब से क्रमशः 25 व 11 मौत हुयी थी। जबकि बिहार में यह संख्या क्रमशः मात्र 6 एवं शून्य रही। पिछले वर्ष 2021 में भी जहां गुजरात में जहरीली शराब से मौत का आँकड़ा 4 था वहीं बिहार में मात्र दो था।
प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि शराब एक मीठा जहर है जो अपना काम धीरे- धीरे करता है और व्यक्ति का बुद्धि, विवेक, शरीर तथा धन सब कुछ नष्ट करता है। जिससे जहरीली शराब से हुयी मौत के मामले में सरकार पूरी गंभीर है और दोषियों को सख्त सजा दिलवाने के सभी उचित कदम उठा रही है। एक भी दोषी बच न पाएं इसकी व्यवस्था मुकम्मल की जा रही है, लेकिन सत्ता से बाहर किये जा चुके भाजपा वाले इस मामले पर हंगामा कर अपनी खीझ उतार रहे हैं। जबकि उन्हें लोगों को जागरूक करने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए। क्योंकि राज्य व देश की जनता सब कुछ देख रही है और समय पर 2024 एवं 2025 में इसका मुंहतोड़ जवाब देगीl