बिहार में हाशिए पर है अतिपिछड़ा समाज : रामबदन राय

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

रामबदन राय ने कहा कि बिहार में अति पिछड़ा वर्ग में 114 जातियां है, जिसकी आबादी लगभग 46 प्रतिशत है फिर भी यह समाज उपेक्षा का शिकार है।

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पटना : कर्पूरी जनता दल के तत्वावधान में गुरुवार को स्थानीय चाणक्य होटल में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता में पूर्व विधान पार्षद व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. रामबदन राय ने नवनिर्मित दल कर्पूरी जनता दल की आधिकारिक घोषणा की। इसके पश्चात उन्होंने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिहार में जननायक कर्पूरी के अतिपिछड़ा को नीतीश सरकार ने हाशिए पर ला दिया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2015 में लालू-नीतीश की संयुक्त महागठबंधन सरकार ने तत्कालीन विरोधी दलों के सहयोग से संपन्न एवं मजबूत समाज तेली, दांगी एवं अन्य को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया। जिसके दुष्परिणाम स्वरूप कर्पूरी के वास्तविक अति पिछड़ा वर्ग की जातियों की हकमारी हो रही है। पंचायती राज, नगर निकाय, बीपीएससी, दारोगा एवं अन्य सभी सरकारी नौकरी में बाद में शामिल जातियों का ही अघोषित कब्जा हो गया जो सरकार के समावेशी विकास के नारा का पोल खोल रही है।

रामबदन राय ने कहा कि बिहार में अति पिछड़ा वर्ग में 114 जातियां है, जिसकी आबादी लगभग 46 प्रतिशत है फिर भी यह समाज उपेक्षा का शिकार है। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत सत्ता में बैठे सामाजिक न्याय के क्षत्रपों के द्वारा कर्पूरी के अति पिछड़ा के साथ नाइंसाफी की गई है। अतिपिछड़ों को रातनीतिक रूप से कमजोर करने लिए और उनके भागीदारी को खत्म करने के लिए 18 प्रतिशत पर हकमारी किया गया । अतिपिछड़ों के पलायन को रोकने में भी नीतीश सरकार ने कुछ नहीं किया जिसके परिणाम स्वरूप आज अतिपिछड़ों की बड़ी संख्या पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में नौकरी के लिए भटकने को मजबूर है। अपने संबोधन में उन्होंने सभी उपेक्षित अति पिछड़ा वर्ग के नौजवानों से बिहार सरकार के द्वारा किए जा रहे नाइंसाफी के खिलाफ गोलबंद होकर लुटते जा रहें अधिकार को हिफाज़त करने की अपील की।

साथ ही उन्होंने कहा कि अतिपिछड़ा समाज को एकजुटता बनाए रखनी होगी ताकि अतिपिछड़ा समाज की राजनीति के क्षेत्र में भागीदारी मजबूत हो सके। इस संगठन का उद्देश्य अतिपिछड़ों के आवाज को बुलंद करके उन्हें समाज के मुख्य धारा से जोड़ना है। रामबदन राय ने कहा कि अति पिछड़ी जातियों में कद्दावर नेताओं की ग़ैर-मौजूदगी के कारण इन जातियों का वोट विभिन्न पार्टियों के बीच बंट जाता है। इसीलिए अब हमें संगठित होकर अपने समाज से हीं किसी नेता को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने समावेशी विकास के लिए बिहार सरकार से पूर्व में लिए गए फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया। मौके पर कर्पूरी जनता दल के अन्य सदस्यों ने भी अपने - अपने विचार व्यक्त किए।