बिहार में जहरीली शराब घटना की जाँच करेगा एनएचआरसी, जल्द भेजेगा अपनी टीम

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

एनएचआरसी ने कहा कि उसने ‘‘घटनास्थल पर जाकर जांच के लिए अपने एक सदस्य की अगुवाई में एक जांच टीम नियुक्त करने का फैसला किया है।’’

NHRC will investigate the incident of spurious liquor in Bihar, will send its team soon

New Delhi : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार में जहरीली शराब से लोगों की मौत मामले की ‘‘मौके पर’’ जाकर जांच करने के लिए अपनी जांच टीम नियुक्त करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि बिहार के दो जिलों में जहरीली शराब के सेवन से आठ और लोगों की मौत हो गई है। सारण से सटे सीवान जिले में जहां छह लोगों की जान गई है, वहीं बेगुसराय में दो लोग जहरीली शराब के शिकार बने हैं।

अपुष्ट रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सारण जिले में जहरीली देसी शराब के सेवन से अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अधिकारी मृतक संख्या 30 बता रहे हैं।

बिहार जहरीली शराब त्रासदी में अन्य जिलों से भी लोगों की मौत से संबंधित मीडिया रिपोर्ट आने के मद्देनजर एनएचआरसी ने कहा कि उसने ‘‘घटनास्थल पर जाकर जांच के लिए अपने एक सदस्य की अगुवाई में एक जांच टीम नियुक्त करने का फैसला किया है।’’ आयोग ने एक बयान में कहा, ‘‘वह जानना चाहता है कि इन पीड़ितों को कहां और किस प्रकार का चिकित्सकीय उपचार दिया जा रहा है। इनमें से अधिकतर गरीब परिवारों से हैं और संभवत: वे निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। इसलिए राज्य सरकार की ओर से यह बेहद जरूरी हो जाता है कि वह जहां से भी संभव हो, उन्हें बेहतर चिकित्सकीय उपचार मुहैया कराए।’’

एनएचआरसी ने कहा, ‘‘आयोग राज्य सरकार द्वारा दी जा रही राहत और पुनर्वास के बारे में जानना चाहता है। साथ ही इस सामाजिक बुराई को पूरी तरह से खत्म करने के मद्देनजर समूचे राज्य में अवैध शराब बनाने के स्थानों को नष्ट करने के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, वह इसके बारे में भी जानना चाहता है, क्योंकि बिहार में नियमित अंतराल पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।’’

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया था कि एनएचआरसी ने सारण जहरीली शराब कांड मामले में बिहार सरकार और राज्य पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है।

गौरतलब है कि अप्रैल 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि, एनएचआरसी ने पाया कि इस प्रतिबंध के कार्यान्वयन में त्रुटियां रही हैं।

आयोग ने बयान में कहा कि जाहिर तौर पर हाल ही में हुई यह घटना राज्य में शराब की बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध को लेकर राज्य सरकार की नीति को लागू करने में उसकी ‘‘नाकामी का संकेत’’ देती है।