चिराग पासवान का कानू, हलवाई, नोनिया, बढ़ई, लोहार समेत कई जातियों को अनुसूचित जाति-जनजाति में शामिल करने की मांग
उन्होंने ने कहा कि सन 2000 में ही बिहार मण्डल के दोनों सदन, बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद से संलेख पारित कर भारत सरकार को भेजा था।
पटना: लोक जनशक्ति पार्टी-(रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद चिराग पासवान ने कानू, हलवाई, नोनिया, बेलदार, बढ़ई, लोहार, कुम्हार, बिंद, नाई, तुरहा, तमोली, चंद्रवंशी जाति को अनुसूचित जाति-जनजाति में शामिल करने की मांग करते हुए, कहा कि उक्त 12 जातियों का आर्थिक, समाजिक, राजनैतिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को देखते हुए, इन जातियों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए सन 2000 में ही बिहार मण्डल के दोनों सदन, बिहार विधानसभा और बिहार विधान परिषद से संलेख पारित कर भारत सरकार को भेजा था।
ऐतिहासिक फैसला है क्योंकि झारखंड राज्य अलग बनाने का और इन बारह जातियों को अनुसूचित/ जनजाति में शामिल करने का प्रस्ताव एक ही दिन पारित कराकर केन्द्र सरकार को भेजा गया था। झारखंड राज्य का गठन तो तुरंत हो गया, परन्तु इन 12 जातियों का मामला अधर में लटका दिया। भारत सरकार ने इन जातियों का एथनोग्राफी रिपोर्ट की मूल-प्रति बिहार सरकार से मांगा। बिहार सरकार ने सभी जातियों का एथनोग्राफी रिपोर्ट भी भेज दिया, परन्तु आज तक सरकार ने इन जातियों को अनुसूचित जाति-जनजाति में शामिल नही किया। इन सभी जातियों को राष्ट्र के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आवश्यक है कि सरकार इन्हें अनुसूचित जाति-जनजाति में तत्काल शामिल करें। उक्त आशय की जानकारी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुंदन पासवान ने दिया।