Patna News: भाजपा एक रणनीति के तहत धार्मिक उन्मादता की भावनाएं फैलाकर देश को तोड़ना चाहती है:ललन कुमार
कांग्रेस उनके मनसूबे को साकार नहीं होने देगी देश में सामाजिक सद्भाव, अमन चैन, भाईचारा बिगड़ने नहीं देगी।
Patna News: भागलपुर :कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी और उनके पूंजीपति आकाओं को देश में फुट डालो राज्य करो का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा एक रणनीति के तहत धार्मिक उन्मादता की भावनाएं फैलाकर देश को तोड़ना चाहती है।
कांग्रेस उनके मनसूबे को साकार नहीं होने देगी देश में सामाजिक सद्भाव, अमन चैन, भाईचारा बिगड़ने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा एक रणनीति के फलस्वरूप आजकल समकालीन राजनीति की सारी बहसें इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ने और उसके आधार पर समाज में धार्मिक वैमनस्य फैलाकर राजनीतिक लाभ उठाने के लिए चलाई जा रही हैं.
ये बाते भागलपुर परिसदन में ललन कुमार ने प्रेस वार्ता में कहीं उन्होंने कहा कि आरएसएस और बीजेपी अपनी सामाजिक वर्चस्ववादी जातिगत मानसिकता के तहत इतिहास की मनमनानी व्याख्या करके यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उन पर इतिहास में उत्पीड़न हुआ है और उनको अधिकार है कि वह शताब्दियों बाद भी उसका बदला लें, लेकिन क्या ऐतिहासिक परिस्थितिजन्य साक्ष्य इसकी पुष्टि करते हैं कि इतिहास में कभी उनके साथ अन्याय और उत्पीड़न हुए हैं?
सबूत तो यही बताते हैं कि उत्पीड़न तो दलित, आदिवासी और पिछड़ी जातियों का हुआ है जिन्हें हम सामूहिक रूप से बहुजन कहते हैं. मनुस्मृति ने व्यवस्था दी कि शूद्र को ज्ञान और धन अर्जित नहीं करना चाहिए. ज्ञान और धन के मामले में बहुजनों में जो विपन्नता आज कायम है वह इतिहास में उनके साथ हुए अन्याय उत्पीड़न शोषण भेदभाव अपमान का परिणाम है जो आज भी जारी है.
कुमार ने कहा कि आज बताने की ज़रूरत नहीं है कि बहुजनों को सदियों तक शिक्षा और संपत्ति से वंचित रखा गया. उन्होंने जी-जान लगाकर मेहनत की, लेकिन उन्हें उसका फल नहीं मिला. एक तरह सदियों तक उनसे बेगार कराया गया, जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया गया. उनको छूने तक से परहेज़ किया गया, कमर में झाड़ू लटकाए गए जिससे उनके चलने से अपवित्र हो गया रास्ता साफ हो सके. उनके थूकने से धरती अपवित्र हो जाती थी इसलिए उनके गले में थूकने के लिए हाड़ी लटकाई गई. उनकी स्त्रियों को भोग की वस्तु बनाया गया, स्तन ढकने पर टैक्स लगाया गया आदि अत्याचार और अनाचार के असंख्य किस्से इतिहास में बिखरे पड़े हैं.कोई मस्जिदों के नीचे मंदिरों के होने का दावा कर रहा है तो कोई मुगल बादशाह औरंगज़ेब की कब्र पर शौचालय बनवाने की सलाह दे रहा है.
पूरा मीडिया तंत्र इस सनक के आवेग में हांफ रहा है, जबकि आज की ज़िंदगी की हज़ारों समस्याओं पर कोई चर्चा नहीं हो रही है, कहना गलत नहीं होगा कि राष्ट्र का ध्यान ज़रूरी चीज़ों से हटाने के लिए ही इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं.