अमर शहीद रामफल मंडल जी का बलिदान आने वाली पीढियां को सदियों तक प्रेरती करेगा: उमेश सिंह कुशवाहा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने अमर शहीद रामफल मंडल जी के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया।

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पटना: वीरचंद्र पटेल स्थित जनता दल (यूव) मुख्यालय में अमर शहीद रामफल मंडल जी का शहादत दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह माननीय सांसद  राजीव रंजन सिंह उर्फ ‘‘ललन’’, प्रदेश अध्यक्ष  उमेश सिंह कुशवाहा,  माननीय सांसद   चंदेश्वर चंद्रवंशी, बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला मंडल, मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार, लघु एवं जल संसाधन मंत्री  जयंत राज, माननीय विधान पार्षद   संजय कुमार सिंह ‘‘गांधीजी’’ माननीय विधान पार्षद   संजय कुमार सिंह, विधानसभा के पूर्व उपसभापति  सलीम परवेज, मुख्यालय प्रभारी   अरुण कुमार सिंह, मुख्यालय प्रभारी  चंदन कुमार सिंह,  वासुदेव कुशवाहा,  रणविजय कुमार,  शैलेन्द्र मंडल, श्रीमती मालती सिंह,  ओमप्रकाश सेतु सिंह प्रदेश सचिव सुश्री विनिता स्टेफी एवं  राम कुमार राम, प्रदेश प्रवक्ता  अभिषेक झा एवं  अंजुम आरा, शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. अमरदीप, अतिपिछडा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष  धर्मेंद्र चंद्रवंशी, चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ एलबी सिंह, उद्योग एवं व्यवसाय प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष  धनजी प्रसाद, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष  नीतीश पटेल, छात्र प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष  आनंद मोहन,  नंदकिशोर कुशवाहा, रामचरित्र प्रसाद सिंह,  विजय सिंह, मनोज कुमार सिंह, उपस्थित थे।

पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने अमर शहीद रामफल मंडल जी के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण कर उनके सर्वोच्च बलिदान को नमन किया। साथ ही दो मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

इस मौके पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष  उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि अमर शहीद रामफल मंडल जी बंगाल विभाजन के बाद अखंड बिहार के पहले शहीद थे जिन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी पर चढ़ाया था। महज 19 वर्ष की आयु में उन्होंने हंसते-हंसते अपनी मातृभूमि की आजादी के लिए फांसी के फंदे को गले लगा लिया। रामफल मंडल जी बहुत छोटी उम्र में ही देश की स्थिति को लेकर संवेदनशील थे, गांधीजी के भारत छोड़ो आंदोलन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। स्वाधीनता संग्राम में इस महान योद्धा के योगदान और बलिदान को आने वाली पीढ़ियां सदियों तक याद रखेंगी.