परीक्षा में सफलता के लिए पठन सामग्री का सटीक चयन जरूरी : प्रो. आरबी सिंह
कॉलेज में टॉप करने वाले बच्चे ही आईएएस बनते, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है।
पटना : सिविल सेवा की परीक्षाओं में सफलता के लिए कठिन मेहनत के साथ ही गुणवत्तापूर्ण क़िताबों का चयन बेहद जरूरी है। आज के दौर में इंटरनेट पर पठन सामग्रियों की भरमार है। कई बच्चे इसमें उलझ कर रहे जाते हैं। ऐसे में , प्रतिभागियों को पठन सामग्री का चयन उसी प्रकार करना चाहिये, जैसे आप मार्केट में कोई सामग्री खरीदते समय करते हैं। ये बातें पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं भूगोल विषय के विद्वान प्रो.आर.बी. सिंह ने रविवार को 'सिविल सेवा की तैयारी में 'गुणवत्तापूर्ण किताबों का चयन' विषय पर आयोजित सेमिनार में कही। अभियान-40 (आईएएस) के बोरिंग रोड शाखा में आयोजित इस सेमिनार में आईपीएस अघिकारी व बिहार के एडीजी पारसनाथ, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व गन्ना आयुक्त गिरिवर दयाल सिंह, पीएमसीएच में हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. बी.पी.सिन्हा, ब्रिगेडियर ए.के. सिंह, बीपीएससी के पूर्व सदस्य प्रो. डीएनए शर्मा समेत बड़ी संख्या में विशषज्ञ शामिल हुए। इस मौके पर पूर्व अपर आयुक्त, जीएसटी डॉ. एन. के. सिंह की पुस्तक का भी विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सिविल सेवा की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों के लिए बेहद ही लाभदायक होगा।
इस मौके पर वरिष्ठ आईएएस पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने कहा कि ये जरूरी नहीं कि सिविल सेवा में सफलता प्राप्त करने के लिए वह अपने कॉलेज का टॉपर ही हो। यदि ऐसा होता तो सभी कॉलेज में टॉप करने वाले बच्चे ही आईएएस बनते, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं है। एक अध्ययन में देखा गया है कि बहुत सारे बच्चे जो शुरू के दिनों में पढ़ाई में अव्वल थे, वे कुछ खास उपलब्धि नहीं प्राप्त कर सके। वहीं उनके साथ पढ़नेवाले कमजोर बच्चे बहुत आगे निकल गए। ऐसे में, अभी तक की असफलता से आपको घबराने की जरुरत नहीं है। आप सही दिशा में लगातार और कठिन परिश्रम करें। सफलता आपकी कदम चूमेगी. आईपीएस अधिकारी व बिहार के एडीजी पारसनाथ ने प्रतिभागियों को सफलता के लिये कठिन परिश्रम करने की सलाह दी।
संस्थान के संस्थापक सह राष्ट्रीय अध्यक्ष बिलास कुमार ने बताया कि गौतम बुद्धा ग्रामीण विकास फाउंडेशन मानवाधिकार के लिए सतत् संघर्षरत रहा है तथा इसके द्वारा पटना , लखनऊ तथा दिल्ली में अभियान 40 ( आईएएस ) नाम से कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है , जिसमे समाज के प्रतिभाशाली बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी कराई जाती है ।