मछुआरों को मिलेगा बाढ़ में हुई क्षति का मुआवजा: ऋषिकेश

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मछुआरों को बाढ़ में हुई क्षति के लिए मुआवजें की घोषणा पिछले वर्ष ही की गई थी।

Fishermen will get compensation for flood damage: Rishikesh

पटनाः सोमवार को केन्द्र सरकार (गृह मंत्रालय) के आपदा प्रबंधन विभाग के निर्णयानुसार बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने मछुआरों को राहत हेतु बढ़े हुए मुआवजा दरों को लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के लागू होने से राज्य के लाखों मछुआरों को बाढ़ के दौरान होने वाली क्षति का लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा मछुआरों को बाढ़ में हुई क्षति के लिए मुआवजें की घोषणा पिछले वर्ष ही की गई थी।

मालूम हो की पूर्व की घोषणानुसार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त नाव के लिए 4,100 रूपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त जाल के लिए 2,100 रूपये, पूर्णतः क्षतिग्रस्त नाव के प्रतिस्थापन के लिए 9,600 रूपये, पूर्णतः क्षतिग्रस्त जाल के प्रतिस्थापन के लिए 2,600 रूपये, मछली जीरा फार्म के लिये इनपुट सब्सिडी 8,200 रूपये प्रति हेक्टर भुगतान करने का प्रावधान किया गया था।

परंतु राज्य सरकार की मछुआ विरोधी नीति के चलते गत्वर्ष राज्य के एक भी मछुआरें को केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं मिल सका। बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने मछुआरों को बाढ़ से हुई क्षति का भुगतान कराने, योजना का प्रचार-प्रसार करने एवं अनुदान की राशि को बढ़ाने की मांग प्रधानमंत्री से की। जिसके फलस्वरूप केन्द्र सरकार ने मछुआरों के हित को ध्यान में रखते हुए आपदा राहत की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया है.

जो निम्न प्रकार हैः-

‘‘आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त नाव के लिए 6,000 रूपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त जाल के लिए 3,000 रूपये, पूर्णतः क्षतिग्रस्त नाव के प्रतिस्थापन के लिए 15,000 रूपये, पूर्णतः क्षतिग्रस्त जाल के प्रतिस्थापन के लिए 4,000 रूपये, मछली जीरा फार्म के लिये इनपुट सब्सिडी 18,000 रूपये प्रति हेक्टर भुगतान करने का प्रावधान किया गया है।‘‘ साथ ही छोटे एवं सीमांत किसानों को मछली के चारें हेतु इनपुट सब्सिडी 10,000 रूपये प्रति हेक्टेयर करने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार ने इस संबंध में विज्ञापन प्रकाशित किया है।

इस योजना के लागू होने से राज्य के मछुआरों में खुशी का माहौल है। इस पुनित कार्य के लिए श्री कश्यप ने पत्र लिखकर प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री को बधाई दी है।