स्वामी जी के सपनों को साकार कर रही है केन्द्र सरकार: तारकिशोर प्रसाद

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले कृषि क्षेत्र का बजट मात्र 25.000 करोड़ रुपये का हुआ करता था।

Central Government is making Swamiji's dreams come true: Tarkishore Prasad

पटना : पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने  स्वामी सहजानन्द सरस्वती की जयंती के मौके पर आयोजित किसान समागम पर कहा है कि गांव, गरीब और किसानों की चिन्ता कर केन्द्र सरकार स्वामी सहजानंद सरस्वती के सपनों को साकार कर रही है। केन्द्र सरकार की 2023-24 का आम बजट पिछले 8-9 वर्षो की तरह ही कृषि क्षेत्र, किसानों, गांव और गरीबों पर केन्द्रित है। इस बार कृषि बजट में पांच गुना वृद्धि कर इसके आकार को 1.25 लाख करोड़ कर दिया गया है। किसान आंदोलन के जनक स्वामी सहजानन्द सरस्वती जी भी यही चाहते थे कि सरकार की प्राथमिकता में किसान हो, आज नरेन्द्र मोदी की सरकार कर रही है। बिहार की महागठबंधन की सरकार किसान, गरीब विरोधी है।
 
उन्होंने कहा कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने से पहले कृषि क्षेत्र का बजट मात्र 25.000 करोड़ रुपये का हुआ करता था। विगत नौ साल में देश के कृषि बजट में पांच गुना वृद्धि हुई है। दलहन, तिलहन और खाद्य तेलों पर आयात निर्भरता को कम करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से अनेक कदम उठाए गए हैं, जिनसे बिहार के टाल क्षेत्र के साथ ही पूरे प्रदेश के लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके लाभ को दोगुना करने के लिए अनेक किसान हितकारी योजनाएं संचालित कर रही है।
 
 प्रसाद ने कहा की पीएम किसान सम्मान निधि की 15.964 करोड़ रुपये की 13 वीं किस्त इसी 27 फरवरी को जारी होगी, जिससे बिहार के 82 लाख किसानों के खाते में सीधे राशि पहुंचेगी। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से 10 लाख और किसानों को जोड़ा जाएगा। बिहार के किसानों को सशक्त बनाने के लिए केन्द्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
 
उन्होंने कहा कि अगले 3 वर्षों में पंचायत स्तर पर 2 लाख सहकारी समितियों के गठन से बिहार में सहकारिता आंदोलन मजबूत होगा जिसका सर्वाधिक लाभ यहां के किसानों को मिलेगा। बिहार के 8.71 करोड़ गरीब परिवारों को विगत 3 साल से लगातार मुफ्त आनाज मिल रहा है। पीएम मोदी ने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ को एक साल के लिए और विस्तारित कर दिया है। अब तक इस योजना पर 5.91 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।